बिहार पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है. पंचायत राज विभाग के इस नए नियम के कारण कई लोग इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. पंचायती राज विभाग के अनुसार नल-जल योजना का कार्य पूरा नहीं करने वाले जन प्रतिनिधि इस बार पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. पंचायती राज विभाग इसकी सूची बना रहा है. जिले के किन ग्राम पंचायतों-वार्डों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना पूरी नहीं हुई है, इसकी जानकारी जुटाने का कार्य किया जा रहा है.
विभाग का कहना है कि पंचायती राज अधिनियम में यह प्रावधान है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा दायित्वों का निर्वहन में जान बूझकर कोताही बरतना, पद से हटाये जाने का आधार है. इसी को आधार बनाते हुए नल-जल योजना पूरा नहीं करने वालों को अगले चुनाव में अयोग्य घोषित किया जाएगा. इसके लिए विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
नल-जल योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा किया जाता है. इसका रख-रखाव भी इन्हीं संस्थाओं को करना है. जिन पंचायतों में कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है, उन पंचायतों के जन प्रतिनिधियों को आगामी चुनाव में भाग लेने में कठिनाई हो सकती है. इसको लेकर विभाग ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी जन प्रतिनिधियों को इस संबंध में सूचना अनिवार्य रूप से दे दें. ताकि चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि युद्ध स्तर पर बचे हुए कार्य को पूरा कर सकें.
इधर, मधुबनी में 675 वार्डों में अब भी नज-जल योजना का कार्य अपूर्ण है. वहां पर अभी भी कार्य बहुत ही धीमी गति से की जा रही है. धीमी गति से की जा रही कार्य को देखकर अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से डीएम ने जवाब मांगा है. कई मामलों में संवेदक और वार्ड सदस्यों की मिली भगत से राशि गबन किये जाने का मामला उजागर होने की बात कही जा रही है.
डीएम ने निर्देश दिया है कि जिन मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई है, उन सभी में अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चत करें. डीएम ने कहा है कि जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर योजना की समीक्षा की जाए और अधूरे पड़ी कार्य को शीघ्र पूरा कराएं. जिन ग्राम पचायत के मुखिया अपने दायित्वों के निर्वहन में चूक कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई अविलंब शुरू करें, ताकि वे अगले चुनाव में भाग नहीं ले सकें.
Posted by: Radheshyam Kushwaha