पंचायत आम चुनाव के स्थगित होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के सामने चुनौतियों और बढ़ गयी है. आयोग द्वारा अभी तक की सभी तैयारियों पर पानी फिर गया है. कुछ तैयारियों के लाभ को छोड़कर अब फिर से चुनाव कराने की व्यवस्था करनी होगी. आयोग के सामने सबसे बड़ी समस्या होगी कि वह नये सिरे से मतदाता सूची की तैयारी करे. वर्तमान मतदाता सूची अगले चुनाव तक अनुपयोगी हो जायेगी. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नयी मतदाता सूची तैयार करने के लिए अक्तूबर में रिविजन कार्यक्रम आरंभ कर दिया जायेगा.
राज्य में वर्तमान में कुल सात करोड़ 50 लाख मतदाता हैं. राज्य निर्वाचन आयोग को नये सिरे से भारत निर्वाचन द्वारा जारी मतदाता सूची के आधार पर अपना ड्राफ्ट का प्रकाशन करना होगा. इसमें राज्य के शहरी और ग्रामीण मतादाताओं को अलग करना होगा. मतदाता सूची की तैयारी के बाद उसका प्रति वार्ड के आधार पर विखंडन करना होगा. साथ ही प्रति 800 मतदाताओं के आधार पर एक बूथ का गठन करना होगा.
भारत निर्वाचन आयोग की सूची जारी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग अपनी मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित करना होगा. उसके बाद मतदाताओं से दावा-आपत्ति की मांग कर उसका निबटारा करना होगा. इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग को इवीएम मॉडल-2 से मतदान कराने की अनुमति मिल गयी है. इवीएम के भंडारण की सबसे बड़ी समस्या होगी. एक बूथ पर छह प्रत्याशियों के लिए छह बैलेट यूनिट और छह कंट्रोल यूनिट का रखरखाव करना होगा. इसके लिए जिला में इवीएम के भंडारण की व्यवस्था करनी होगी. साथ ही उसके प्रबंधन के साथ उसका एक फेज से दूसरे फेज में स्थानांतरण कराना होगा.