Bihar Panchayat Chunav: बिहार पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Election 2021) दलगत आधार पर नहीं होगा. किसी भी राजनीतिक दल (Political Party in Panchayat Election) के नाम पर या दल के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार नहीं होगा. बावजूद इसके सभी राजनीतिक दलों ने ‘गांव की सरकार’ के लिए जोर लगा रखा है. भाजपा-जदयू और राजद की तरह अब कांग्रेस भी पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाने की तैयारी में जुट गयी है.
बड़ी बात यह कि कोई भी राजनीतिक दल फ्रंट से नहीं बल्कि पर्दे के पीछे से खेल करने में जुटा है. दरअसल, सभी दलों ने अपने समर्थित उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है. भले ही पार्टी या झंडे का उपयोग नहीं हो लेकिन प्रत्याशी किसी न किसी राजनीतिक दल का कैडर ही होगा. इस क्रम में पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस किस प्रकार भागीदारी करे और किन उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, इसको लेकर बुधवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय में प्रदेश प्रभारी के प्रभारी भक्त चरण दास की उपस्थिति में बैठक की गयी.
कांग्रेस पंचायत के प्रत्याशियों को समर्थन देने के लिए मापदंडों का निर्धारण भी करेगी. बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास तथा प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने सदाकत आश्रम में आगामी पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी की मजबूत भागीदारी को लेकर तमाम जिलाध्यक्षों तथा संगठन के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति पर विचार किया.
प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि प्रदेश के अंदर पार्टी को अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए पंचायत चुनाव में जबर्दस्त भागीदारी दिखानी होगी. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव, लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव के तरह ही महत्वपूर्ण होता है. पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी दमखम के साथ मजबूती दिखाती है तो आने वाले समय में विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में इसका शुभ परिणाम देखने को मिलेगा.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत आम चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके मुताबिक, किसी भी पद के प्रत्याशी राजनीतिक दल के नाम या झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. प्रत्याशी राजनीतिक दल के नाम और झंडे का प्रयोग करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
आयोग ने वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम कचहरी पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्यों के प्रत्याशियों के लिए जारी गाइडलाइन में कहा है कि प्रत्याशी ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे, जिससे किसी धर्म, संप्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या तनाव पैदा हो.
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्याशी बिना मुद्रक और प्रकाशक के नाम व पता के पोस्टर, इश्तेहार, पंपलेट निकालते हैं तो इसे पंचायत राज अधिनियम के तहत आपराधिक कार्य माना जायेगा. बता दें कि बिहार में ढ़ाई लाख पदों के लिए पंचायत चुनाव की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही सभी छह पदों के लिए प्रत्याशियों का नामांकन शुरू हो जायेगा
Posted By: utpal Kant