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पंचायत चुनाव में दोबारा निर्वाचन लड़ने की शर्त पूरा करने में बचे है महज तीन दिन, जानें कौन लोग होंगे अयोग्य घोषित

बिहार में पंचायत चुनाव में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दोबारा चुनाव लड़ने की योग्यता की शर्त पूरी करने में महज तीन दिन शेष बच गये है. ग्राम पंचायतों के मुखिया और वार्ड सदस्यों के लिए 31 मार्च की समय सीमा महत्वपूर्ण है. पंचायती राज विभाग ने साफ कहा है कि जिन पंचायतों के मुखिया या वार्ड सदस्यों द्वारा 31 मार्च तक ग्राम पंचायतों को दी गयी राशि का ऑडिट रिपोर्ट 31 मार्च तक नहीं सौंपेंगे उनको अगले पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा.

पटना. बिहार में पंचायत चुनाव में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दोबारा चुनाव लड़ने की योग्यता की शर्त पूरी करने में महज तीन दिन शेष बच गये है. ग्राम पंचायतों के मुखिया और वार्ड सदस्यों के लिए 31 मार्च की समय सीमा महत्वपूर्ण है. पंचायती राज विभाग ने साफ कहा है कि जिन पंचायतों के मुखिया या वार्ड सदस्यों द्वारा 31 मार्च तक ग्राम पंचायतों को दी गयी राशि का ऑडिट रिपोर्ट 31 मार्च तक नहीं सौंपेंगे उनको अगले पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा.

इसी प्रकार का निर्देश ग्रामीण नल जल योजना और पक्की -गली नाली योजना को पूरा नहीं करनेवाले वार्ड सदस्यों व पंचों को लेकर दिया गया है. जिन वार्डों में काम पूर्ण नहीं होगा वहां के जन प्रतिनिधियों को चुनाव के अयोग्य घोषित किया जायेगा. मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत ग्राम पंचायतों को ग्रामीण पक्की गली-नाली योजना और हर घर नल का जल उपलब्ध कराने की राशि दी गयी. पंचायतों को 14 वित्त आयोग की अनुशंसा और पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर पांच वर्षों तक राशि दी गयी है.

पंचायतों को दी गयी राशि का अभि तक विभाग के करीब 25 हजार करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक नहीं मिला है. ग्राम पंचायतों में पक्की गली-नाली व हर घर नल का जल योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी वार्ड विकास एवं प्रबंधन कमेटी को सौंपी गयी है. इस कमेटी के अध्यक्ष वार्ड सदस्य को बनाया गया है, जबकि उपाध्यक्ष का पद संबंधित वार्ड से निर्वाचन ग्राम कचहरी के पंच को बनाया गया है.

राज्य के एक लाख 14 हजार वार्ड हैं . पंचायती राज विभाग को इसमें 56 हजार से अधिक वार्डों में मुख्यमंत्री निश्चय योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी गयी है, जबकि शेष वार्डों में पीइचइडी विभाग द्वारा योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है. विभाग इन दोनों योजनाओं की समीक्षा में जुटा है. किस पंचायत के किन-किन वार्डों में पक्की गली-नाली योजना व हर घर नल की योजना अभी तक अधूरी है.

इसके साथ ही सभी 8386 ग्राम पंचायतों को 31 मार्च तक पिछले पांच वर्षों के दौरान दी गयी राशि का ऑडिट कराकर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. इधर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि विभाग इसकी गहन समीक्षा करायेगा. उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर के जन प्रतिनिधियों से उम्मीद है कि वह निर्धारित समय पर अपने दायित्वों का निर्वहन सफलता पूर्वक पूरा कर लेंगे.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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