बिहार पंचायत चुनाव की तारीखों का इंतजार कर रहे लोगों को लिए खुशखबरी है. छठ पूजा के तुरंत बाद बिहार पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी में भी युद्ध स्तर पर लगा है. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो भारत निर्वाचन आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग के बीच पंचायत चुनाव को लेकर आपस में सहमति बन गई है.
अब मात्र चुनावी तिथियों की घोषणा होना बाकी रह गया है. ईवीएम का मसला करीब करीब सुलझ गया है. अब तय है कि मल्टी पोस्ट ( एम-3 मॉडल ) नहीं बल्कि सिंगल पोस्ट ईवीएम ( एम-2 मॉडल) से पंचायत चुनाव कराया जाएगा. ऐसे में पूरी संभावना है कि बिहार पंचायत चुनाव में कई चरण में मतदान होगा. कारण ये कि ये वही इवीएम है जिसका प्रयोग लोकसभा-विधानसभा चुनाव में होता है.
बिहार पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को सात से आठ लाख ईवीएम की आवश्यकता होगी. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने कहा है कि 7 से 8 लाख ईवीएम उपलब्ध हो जाती है तो मतदान कराने में समय कम लगेगा. लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि कितनी ईवीएम उपलब्ध हो पाती है. अगर ईवीएम की संख्य कम होती है तो मतदन लंबा खींच सकता है.
इवीएम के दोनों मॉडलों में बहुत ही अंतर है. एम-3 मॉडल की इवीएम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने पर एक कंट्रोल यूनिट और छह बैलेट यूनिट के साथ एक डिटैचेबल चिप की आवश्यकता है. इसमें सिर्फ 15 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट के रहने पर भी पंचायत के सभी पदों के चुनाव कराये जा सकते हैं.
साथ ही चिप को बाहर निकलकर इवीएम को दूसरे चरण के मतदान के लिए भेजा जा सकता है. वहीं, एम-2 मॉडल की इवीएम से पंचायत चुनाव कराने के लिए 90 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट की आवश्यकता होगी. पंचायत में छह पदों के लिए चुनाव होने हैं, जिसमें छह बैलेट यूनिट में डाले गये मतों का डाटा छह कंट्रोल यूनिट में संग्रहित होगा.
Posted By: Utpal Kant