पटना. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर होने की संभावना क्षीण पड़ने लगी है. पटना हाइकोर्ट द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग सहित सभी पक्षों को छह अप्रैल तक आपसी सहमति से मामले को पंचायत चुनाव के इवीएम के इस्तेमाल के मुद्दे को सुलझाने का निर्देश दिया है.
हाइकोर्ट अगर छह अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग के पक्ष में आदेश भी जारी किया जाता है, तो पंचायत चुनाव कराने में कम-से-कम दो माह का विलंब हो जायेगा. उधर 15 जून से बिहार में मॉनसून का प्रवेश हो जाता है, जिससे बाढ़ आने के कारण उत्तर बिहार में चुनाव कराना सबसे चुनौती भरा होगा.
जानकारों का मानना था कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना फरवरी के अंत तक जारी हो जाती तो मार्च में पहले चरण का मतदान शुरू हो जाता. मतदान के लिए अब तक इवीएम खरीद में ही पेच फंसा हुआ है. भारत निर्वाचन आयोग एनओसी नहीं दे रहा है, जिसके कारण हैदराबाद की कंपनी इसीआइएल द्वारा इवीएम का निर्माण नहीं किया जा रहा है.
इवीएम की खरीद नहीं होने के कारण चुनाव की तैयारी करने के बाद भी चुनाव कार्यक्रम लंबा खींचता चला जा रहा है. इधर निर्धारित समय पर चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार ने राशि भी जारी कर दी है. उधर राज्य निर्वाचन आयोग ने बिना इवीएम की खरीद किये चुनाव की पूरी तैयारी कर ली है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में इवीएम के मूवमेंट प्लान तैयार करने का सुझाव जिलों से मांग लिया है. साथ ही राज्य में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा चुकी है. जानकारों का कहना है कि चुनावी तैयारी के बाद भी निर्धारित समय पर चुनाव कराना बहुत ही मुश्किल दिख रहा है.
Posted by Ashish Jha