पटना. राज्य निर्वाचन आयोग अब पंचायत चुनाव कराने की सभी संभावनाओं की तलाश में निर्वाचन आयोग से बातचीन शुरू की है. अब तक राज्य निर्वाचन आयोग एम-3 मॉडल की इवीएम से पंचायत चुनाव पर अड़ा हुआ था.
तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के कार्यकाल में इस दिशा में एक कदम भी आगे बात नहीं बढ़ी. अब सुशील चंद्रा के नये निर्वाचन आयुक्त बनने के बाद किसी भी मॉडल की इवीएम से पंचायत चुनाव कराने की संभावना तलाश की जा रही है.
यह माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव एम-2 मॉडल की इवीएम से ही कराया जा सकता है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम दिल्ली में तकनीकी सहायता के लिए कैंप कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि निर्वाचन आयोग एम-2 मॉडल की इवीएम से चुनाव कराने पर सहमत था, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग एम-3 मॉडल की इवीएम से चुनाव कराने पर अड़ा हुआ था.
स्थिति यहां तक आ पहुंची कि राज्य निर्वाचन आयोग को एम-3 मॉडल की इवीएम की खरीद के लिए पटना हाइकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. हाइकोर्ट ने इस संबंध में दोनों पक्षों को आपस में सहमति बनाने की सलाह दी.
इवीएम के दोनों मॉडलों में बहुत ही अंतर है. एम-3 मॉडल की इवीएम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने पर एक कंट्रोल यूनिट और छह बैलेट यूनिट के साथ एक डिटैचेबल चिप की आवश्यकता है. इसमें सिर्फ 15 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट के रहने पर भी पंचायत के सभी पदों के चुनाव कराये जा सकते हैं. साथ ही चिप को बाहर निकलकर इवीएम को दूसरे चरण के मतदान के लिए भेजा जा सकता है.
वहीं, एम-2 मॉडल की इवीएम से पंचायत चुनाव कराने के लिए 90 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट की आवश्यकता होगी. पंचायत में छह पदों के लिए चुनाव होने हैं, जिसमें छह बैलेट यूनिट में डाले गये मतों का डाटा छह कंट्रोल यूनिट में संग्रहित होगा.
Posted by Ashish Jha