पटना. राज्य में होनेवाले पंचायत चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के समर्थन की तैयारी की जा रही है. इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने बुधवार को पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता की गाइडलाइन जारी कर दी.
आयोग ने साफ कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत में किसी भी पद पर चुनाव दलगत आधार (पार्टी के आधार) पर नहीं होगा. किसी भी पद के प्रत्याशी राजनीतिक दल के नाम या झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. प्रत्याशी राजनीतिक दल के नाम और झंडे का प्रयोग करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
आयोग ने वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम कचहरी पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्यों के प्रत्याशियों के लिए जारी गाइडलाइन में कहा है कि प्रत्याशी ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे, जिससे किसी धर्म, संप्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या तनाव पैदा हो.
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्याशी बिना मुद्रक और प्रकाशक के नाम व पता के पोस्टर, इश्तेहार, पंपलेट निकालते हैं तो इसे पंचायत राज अधिनियम के तहत आपराधिक कार्य माना जायेगा.
कोई भी प्रत्याशी चुनाव सभा में गड़बड़ी करता है या विघ्न डालता है तो आपराधिक कार्य की श्रेणी में माना जायेगा. बिहार में शराबबंदी लागू की है. किसी भी प्रत्याशी द्वारा न तो गैर कानूनी शराब खरीदनी है और न ही किसी को वितरित की जानी है.
हर उम्मीदवार द्वारा कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने से रोका जाना चाहिए. चुनाव प्रचार के लिए कार्यालय खोलने की अनुमति है, बशर्ते वे इसकी सूचना निर्वाची पदाधिकारी को देंगे कि उनका चुनाव कार्यालय किस स्थान पर है.
Posted by Ashish Jha