Bihar Panchayat Election: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav Election Date) की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन तैयारियां अपने चरम पर हैं. इसी बीच बिहार सरकार (Bihar Sarkar) का एक फैसला बिहार के सैंकड़ों मुखिया के लिए किसी बुरी खबर से कम नहीं है. नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) ने पंचायतों के मुखिया को लेकर सख्त फैसला लिया है।राज्य में 31 मार्च 2020 तक पंचायत का ऑडिट नहीं करवाने वाले मुखिया अयोग्य घोषित कर दिये जायेंगे.
यह जानकारी पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने रविवार को दी है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों, डीडीसी और जिला पंचायतीराज पदाधिकारियों से पंचायतवार रिपोर्ट तलब की है. आगामी पंचायत चुनाव को लेकर इसे अहम माना जा रहा है.
इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि पंचायती राज एक्ट के अनुसार समय पर पंचायत का ऑडिट करवाना अनिवार्य है. यदि कोई ग्राम पंचायत इसे करवाने में असफल रहते हैं तो इसे वैधानिक कर्तव्य के निर्वहन में विफलता मानी जायेगी. इसके साथ ही सभी मुखिया को उपयोगिता प्रमाणपत्र भी जमा करना अनिवार्य है. ऐसे में इस नियम का पालन नहीं करने वाले मुखिया अयोग्य घोषित किये जायेंगे. मतलब चुनाव ही नहीं लड़ सकते.
कहा जा रहा है कि कई मुखिया इसलिए ऑडिट नहीं करा रहे हैं कि उनका फर्जीवाड़ा सामने आएगा और आगे उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी. लेकिन, अब उन्होंने ऑडिट नहीं कराया तो भी ब्लैक लिस्टेड होंगे. चुनाव लड़ने पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही उनकी पंचायतों में इस बात की जांच भी की जाएगी कि वहां किस तरह से योजनाओं पर काम हुआ है.
गौरतलब है कि बिहार में करीब 8387 पंचायत हैं और इसी साल पंचायत चुनाव होने वाला है. राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव के तिथियों की घोषणा कर सकता है. राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव 10 चरणों में होंगे और ईवीएम के माध्यम से वोटिंग होगी.
बता दें कि आयोग लगातार वैसे उम्मीदवारों पर नकेल कसने पर काम कर रहा है जो चुनाव में कोई भी हथकंडा अपनाने से पीछे नहीं रहते. सरकार ने उन जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की बात कही थी जिन्होंने हर घर जल-नल योजना को पूरा नहीं किया है. इसके अलावा एक लंबा चौड़ा गाइडलाइन भी जारी किया गया है कि बिहार पंचायत चुनाव में कैसे प्रत्याशी ताल ठोक सकते हैं.
Posted By: Utpal Kant