Bihar Panchayat Election: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav) के लिए तारीखों का ऐलान कभी हो सकता है. इस बाबत आयोग (Election Commission) ने गाइडलाइन जारी कर दिया है. पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को सहयोग देने के लिए भाजपा अधिवक्ताओं की टीम उतारेगी. इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिला स्तर पर अधिवक्ताओं की टीम बनानी चाहिए. ताकि आने वाली पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को सहयोग प्रदान किया जा सके.
वो भाजपा चुनाव आयोग सेल की तरफ से कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इसे ऑनलाइन संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिला स्तर पर अधिवक्ताओं की टीम बनानी चाहिए. ताकि आने वाली पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को सहयोग प्रदान किया जा सके. उन्होंने इस सेल से जुड़े अधिवक्ताओं को भी सुझाव दिया कि पंचायती कानून का बारीकी से अध्ययन करें और इससे जुड़े सभी दिशा-निर्देशों की जानकारी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर कानूनी सहयोग दिया जा सके.
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर होगा या नहीं. परंतु उम्मीदवारों को कानूनी सहायता तो दी ही जा सकती है. उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग की उन उप-जातियों के नेतृत्व को उभारने की बात कही, जिनमें अभी भी नेतृत्व का अभाव है. इसके लिए सेल के सभी सदस्यों को पूरी सजगता से काम करने को कहा.
राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एससी-एसटी को एकल पदों पर आरक्षण नहीं देकर राजद-कांग्रेस ने उनके साथ हकमारी की थी. इस बात का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए कि बिहार में 23 वर्ष तक पंचायत चुनाव नहीं कराने और 2001 में जब चुनाव कराया था, तो एससी-एसटी वर्ग को आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं किया था.
2006 में जब एनडीए की सरकार बनी थी, तो संविधान के अनुसार एससी-एसटी को एकल पदों पर 17 प्रतिशत, अतिपिछड़ों को 20 प्रतिशत तथा सभी वर्ग की महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया. पंचायत चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराना राज्य सरकार का निर्णय सराहनीय है. इससे नीचले स्तर पर चुनाव में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगेगी.
Posted By: Utpal Kant