पटना. बिहार पंचायत आम चुनाव और ग्राम कचहरी के आम चुनाव में लोहार जाति के प्रत्याशियों को पहली बार अनुसूचित जनजाति के आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. राज्य सरकार ने लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया है.
अब तक लोहार जाति अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची (एनेक्सचर-1) में शामिल थी. अगस्त 2016 से इस जाति को अनुसूचित जनजातियों के श्रेणी में शामिल कर दिया गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार के इस आदेश को सभी जिलों में भेज दिया है, जिससे आरक्षण प्राप्त जातियों की सूची और क्षेत्रों की आसानी से पहचान हो सके. सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण के प्रावधानों के तहत आरक्षण का लाभ दिया गया है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और ग्राम कचहरी के चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन जारी किया है. आयोग की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर मुखिया पद का प्रत्याशी बनना चाहता है, तो वह अपने प्रखंड के अंदर किसी भी पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ सकता है.
इसी प्रकार अन्य पदों के लिए भी आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट कर दी गयी है. किसी भी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना आवश्यक है.
मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद कोई व्यक्ति ग्राम पंचायत सदस्य या ग्राम कचहरी के पंच का चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह उस ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड से प्रत्याशी हो सकता है. इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति मुखिया, सरपंच या पंचायत समिति सदस्य का प्रत्याशी बनना चाहता है , तो वह उस प्रखंड के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव का प्रत्याशी हो सकता है.
Posted by Ashish Jha