बिहार पंचायत चुनाव कार्य से रहेंगे मुक्त, तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने लिया निर्णय
जिले में पंचायत चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गयी हैं. जिला प्रशासन शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए आवश्यक तैयारियों में जुटा है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना भी जतायी जा रही है और कुछ राज्यों में इसने दस्तक भी देना शुरू किया है.
गया. जिले में पंचायत चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गयी हैं. जिला प्रशासन शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए आवश्यक तैयारियों में जुटा है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना भी जतायी जा रही है और कुछ राज्यों में इसने दस्तक भी देना शुरू किया है.
ऐसे में चुनाव को ससमय शांतिपूर्ण ढंग से संपादित करना और कोरोना से निबटना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए दोहरी चुनौती है. कोरोना संक्रमण से निबटने और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम हो जाती है.
इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर स्वास्थ्यकर्मियों को पंचायत चुनाव की ड्यूटी से मुक्त रखने का निवेदन किया है. प्रधान सचिव ने कहा है कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति व संभावित तीसरी लहर के समुचित चिकित्सीय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अनुषंगी इकाइयों में कार्यरत सभी पदाधिकारियों, सभी चिकित्सकों व अन्य सभी कर्मियों को पंचायत आम चुनाव 2021 के कर्तव्य से मुक्त रखा जाये.
संभावित तीसरी लहर में किसी भी तरह की आपदा से निबटने के लिए चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की कमी न हो, इसे ध्यान में रखते हुए प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से विनती की गयी है.
तीसरी लहर से निबटने के लिए विभागीय तैयारी जोरों पर
राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की कोविड जांच करने के निर्देश दिये गये हैं. सरकार द्वारा दिये गये निर्देश को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य विभाग नये सिरे से कोविड प्रबंधन में जुट गया है. जिले के डीएम एवं सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाये.
जिले के इंट्री प्वाइंटों पर कोविड जांच की व्यवस्था की जा रही है और बस अड्डों तथा रेलवे स्टेशन पर भी जांच की व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है. सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि वे प्रखंड और पंचायत स्तर पर बाहर से आनेवाले लोगों पर नजर रखने के लिए आशा की मदद लें.
आशा घर-घर जाकर यह पता करे कि प्रखंड अथवा पंचायत में केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से कोई व्यक्ति आया है या नहीं. अगर ऐसी सूचना प्राप्त होती है, तो ऐसे व्यक्ति की जांच करा कर रिपोर्ट से मुख्यालय को भी अवगत करायें.
Posted by Ashish Jha