बिहार पंचायत चुनाव: धर्म, नस्ल और झूठे आरोप लगाने पर मिलेगी सजा, आयोग ने जारी की अपराधों से संबंधित सूची

पंचायत आम निर्वाचन 2021 को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन अपराधों से संबंधित सूची जारी कर दी है. इसके तहत प्रत्याशियों या उनके समर्थकों द्वारा व्यवहार या प्रचार किया जाता है, तो उनको सजा का प्रावधान किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2021 9:28 AM

पटना. पंचायत आम निर्वाचन 2021 को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन अपराधों से संबंधित सूची जारी कर दी है. इसके तहत प्रत्याशियों या उनके समर्थकों द्वारा व्यवहार या प्रचार किया जाता है, तो उनको सजा का प्रावधान किया गया है. पंचायत आम चुनाव में दो लाख 55 हजार से अधिक पदों के लिए चुनाव कराया जा रहा है.

चुनावी मैदान में करीब 10 लाख प्रत्याशियों के मैदान में कूदने की संभावना है. ऐसे में प्रत्याशियों को चुनावी प्रचार के दौरान होनेवाले निर्वाचन संबंधी अपराधों के बारे में सचेत होने की आवश्यकता है.

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का वैधानिक उपबंध किया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है. अगर कोई प्रत्याशी धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाता है, तो उसको तीन से पांच वर्ष की सजा मिलेगी. यह गैर जमानतीय व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है.

इसी प्रकार से कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी किसी के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो, तो उसको भी आइपीसी की धारा 171(जी) के तहत सजा होगी. यह जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी.

इसी प्रकार से निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का प्रचार मंच के रूप में करना और जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में शामिल है.

अगर कोई प्रत्याशी भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को रिश्वत देता है , तो उसके लिए पंचायती राज अधिनियम के साथ आइपीसी की धारा में सजा का प्रावधान हैं. मतदाताओं को भयभीत करना, बूथ के 100 मीटर के भीतर वोट मांगना भी अपराध की श्रेणी में शामिल हैं. कोई प्रत्याशी अगर किसी व्यक्ति के शांतिपूर्ण जीवन में उनके घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करता है, तो उसको सजा मिलेगी.

किसी भी व्यक्ति के बिना अनुमति के उसके मकान पर झंडा टांगने, उसकी भूमि का उपयोग करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक अन्य प्रत्याशी के द्वारा आयोजित जुलूस या सभा में बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके सजा का प्रावधान किया गया है.

बिना लाइसेंस प्राप्त किये किसी भी प्रत्याशी द्वारा प्रस्तावित सभा व जुलूस में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जायेगा. ऐसा करने पर उसके लाउडस्पीकर एक्ट के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. वोटिंग के दिन भी शांतिपूर्ण मतदान में बाधा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version