बिहार: जमुई एंबुलेंस को धक्का मारते रहे लोग, सही समय पर इलाज न मिलने से गयी युवक की जान, देखें वीडियो
बिहार के जमुई सदर अस्पताल में प्रतिदिन लापरवाही की एक नई तस्वीर सामने आती रहती है. रविवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आयी जिसमें एक घायल व्यक्ति को पटना ले जा रहे एक एंबुलेंस को लोग धक्का मारते रहे, और वह चालू ही नहीं हुआ. इतना ही नहीं, सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण घायल युवक की मौत हो गई.
बिहार के जमुई सदर अस्पताल में प्रतिदिन लापरवाही की एक नई तस्वीर सामने आती रहती है. रविवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आयी जिसमें एक घायल व्यक्ति को पटना ले जा रहे एक एंबुलेंस को लोग धक्का मारते रहे, और वह चालू ही नहीं हुआ. इतना ही नहीं, सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण घायल युवक की मौत हो गई. गौरतलब है कि रविवार को खैरा थाना क्षेत्र के गिद्धेश्वर मंदिर के समीप सवा लाख बाबा मंदिर स्थान के पास एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, तथा उसपर सवार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. गंभीर रूप से घायल दो लोगों को परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल जमुई लेकर आए.
चिकित्सकों ने पटना किया रेफर
घायलों को चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया था. लेकिन समय पर लोगों को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिल सका. जिस कारण परिजन दलालों के माध्यम से मजबूरन अस्पताल के बाहर खड़े किसी निजी एंबुलेंस को किराए पर ले आए तथा घायल को उसी से लेकर पटना जाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन घायलों को एंबुलेंस में रखने के बाद जब उक्त एंबुलेंस को चालू करने का प्रयास किया जाने लगा, तब वह चालू ही नहीं हुआ. इसके बाद वाहन चालक ने एंबुलेंस में धक्का लगाने को कहा, और लोग एंबुलेंस में धक्का लगाने लगे. लेकिन काफी प्रयास के बाद भी वह चालू नहीं हुआ और लोग एंबुलेंस को धक्का देते हुए अस्पताल के बाहर ले आए.
बिहार के जमुई सदर अस्पताल में प्रतिदिन लापरवाही की एक नई तस्वीर सामने आती रहती है. रविवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आयी जिसमें एक घायल व्यक्ति को पटना ले जा रहे एक एंबुलेंस को लोग धक्का मारते रहे, और वह चालू ही नहीं हुआ. और युवक की मौत हो गई. #Bihar #Tejaswiyadav pic.twitter.com/go766j1Ahv
— Madhuresh Narayan (@mnarayan26) April 9, 2023
Also Read: नीतीश कुमार से दूरी.. तेजस्वी से दोस्ती.. चिराग पासवान इफ्तार पार्टी में हुए शामिल, भाजपा ने साफ कहा ‘ना’
सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलना भी लापरवाही
निजी एंबुलेंस की कारगुजारियो से इतर अगर बात करें तो मरीज के परिजनों को सरकारी एंबुलेंस का ना मिलना भी लापरवाही को दिखाता है. गौरतलब है कि जिस वक्त अभिषेक को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया उस दौरान ही उसकी जांच की गई और उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया. लेकिन सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण उसके परिजनों को काफी समय तक परेशान होना पड़ा और अंततः उन्होंने निजी एंबुलेंस का सहारा लिया. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नौशाद अहमद ने बताया कि अस्पताल के सभी एंबुलेंस चालू अवस्था में हैं, लेकिन आखिर क्यों लोगों को निजी एंबुलेंस लेना पड़ा, इसकी जांच कराई जाएगी. यह लापरवाही है और इस मामले में जिसका भी दोष सामने आएगा उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट: गुलशन कश्यप