बिहार के प्रदर्शन ने देश को चौंकाया, केंद्र से मिला 4623 करोड़ कम अनुदान, जानें फिर कैसे बना सरप्लस वाला राज्य
बिहार को केंद्र से मिलने वाली सहायक अनुदान राशि में वित्तीय वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 की तुलना में कम मिलने की संभावना है. राज्य सरकार के बजट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में 58 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.
बिहार को केंद्र से मिलने वाली सहायक अनुदान राशि में वित्तीय वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 की तुलना में कम मिलने की संभावना है. राज्य सरकार के बजट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में 58 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. जबकि अगले वित्तीय वर्ष के यह अनुमान 53377 करोड़ का है. अगर पिछले वर्ष से तुलना करें तो अगले वित्तीय वर्ष में बिहार को इस मद में 4623 करोड़ कम मिलेगा. बिहार अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण लगातार राजस्व सरप्लस वाला राज्य रहा है. अगले वित्तीय वर्ष में 4479 करोड़ राजस्व अधिशेष रहेगा. इसका राशि का उपयोग सड़क,बिल्डिंग ऊर्जा, स्कूल, स्वास्थ्य सेंटर और सिंचाई सुविधा विकसित करने में किया जायेगा.
पूंजीगत व्यय मद में आवंटन पिछले साल की तुलना में 492 करोड़ की कमी
वित्तीय वर्ष 2023- 24 के बजट में पूंजीगत व्यय मद में आवंटन पिछले साल की तुलना में 492 करोड़ कम कर दिया गया है. पूंजीगत व्यय में कमी चिंता की बात है. दरअसल पूंजीगत व्यय राज्य में संपत्ति बनाने में मददगार साबित होता है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस मद के लिए 29257 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि वर्ष 2022-23 में 29749 करोड़ की तुलना में 492 करोड़ कम है.
सोशल सेक्टर में खर्च होंगे 12439 करोड़
राज्य सरकार महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगजनों, वृद्धजनों एवं समाज के अन्य वंचित वर्गों के हितों और अधिकारों के संरक्षण के लिए 2023-24 में 12 हजार 439 करोड़ खर्च करेगी. जिसमें समाज कल्याण विभाग 8,210.86, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग 1,787.15 करोड़, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में 1,805.50 एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 635.90 करोड़ रुपये का खर्च करने का प्रस्ताव है. योजनाओं के तहत पेंशन योजनाएं, कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना, पूरक पोषाहार योजना, छात्रवृत्ति योजना, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना सहित अन्य शामिल हैं.