बिहार के युवा आतंकी संगठन PFI से कैसे जुड़ते थे? रियाज चोरी-छिपे करवाता था ट्रेनिंग, जानिए और भी बातें..

बिहार के मोतिहारी अंतर्गत चकिया से गिरफ्तार पीएफआइ के राज्य सचिव रियाज मारूफ को बरूराज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया और उसे जेल भेज दिया गया. मोतिहारी पुलिस ने पूछताछ के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस के हवाले उसे कर दिया. जानिए कैसे वह युवाओं को भटकाता था.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2023 8:16 AM
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PFI NEWS: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले अंतर्गत चकिया के सुभाष चौक से गिरफ्तार हुए एनआइए का मोस्ट वांटेड व पीएफआइ के राज्य सचिव रियाज मारूफ को बरूराज पुलिस ने रविवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया. यहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मोतिहारी पुलिस ने शनिवार की देर रात तक पूछताछ करने के बाद रियाज मारूफ को मुजफ्फरपुर के बरूराज पुलिस के हवाले कर दिया था. यहां उसके खिलाफ एनआइए के इंस्पेक्टर विकास कुमार ने पांच फरवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें पीएफआइ से जुड़ा झंडा, बैनर, तलवार व अन्य सामान बरामदगी में वह नामजद आरोपी था.

रियाज मारूफ से पूछताछ की गयी..

बरूराज पुलिस ने रियाज मारूफ से पूछताछ की. इसके बाद उसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. बरूराज थानेदार संजीव कुमार दुबे ने जेल भेजने की पुष्टि की है. प्रभारी एसएसपी अरविंद प्रताप सिंह ने बताया कि 2022 में पीएफआइ को सरकार ने प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. इसी कड़ी में एनआइए की ओर से कई राज्यों व जिलों में छापेमारी की गयी थी. उसी कड़ी में एक मामला जिले के बरूराज थाने में दर्ज किया गया था. शनिवार को पूर्वी चंपारण जिले के चकिया में पीएफआइ से जुड़े रियाज मारूफ को गिरफ्तार किया था. वह बरूराज थाने का वांटेड था. इसी कड़ी में मोतिहारी पुलिस से संपर्क करके उसको यहां लाया गया. बरूराज थाने के केस में कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है.

मो. बेलाल ने किए थे खुलासे..

जानकारी हो कि, एनआइए पटना के इंस्पेक्टर ने बरूराज थाने में बीते पांच फरवरी को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें बताया था कि एनआइए ने पीएफआइ के संगठन से जुड़ने के मामले के केस में फरार चल रहे आरोपी मो. बेलाल उर्फ इरशाद को पूर्वी चंपारण जिले के चकिया के हरपुर किशुनी से गिरफ्तार किया था. उससे पुलिस कस्टडी में लेकर पूछताछ किया तो उसने बताया कि चार से पांच साल पहले वह चकिया के कुनवा के रहने वाले रियाज मारूफ के संपर्क में आया था. वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ)का सक्रिय सदस्य था. रियाज मारूफ के माध्यम से वह पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी के याकूब खान के संपर्क में आया था. उन लोगों ने उसको पीएफआइ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद वह 2020 में पीएफआइ से जुड़ गया.

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फिजिकल ट्रेनिंग होता था..

पुलिस को बेलाल ने बताया था कि जब वह ट्रेनिंग पीरियड में था तो उसका संपर्क पीएफआइ से जुड़े कई लोगों के साथ हुआ था. इसमें तमिलनाडु के मो. रोसलेन, दरभंगा जिले के मो. सनाउल्लाह, मधुबनी जिले के तौसीफ, अनसारूल हक, बिहार शरीफ के शमीम अख्तर व पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी के मो. अफरोज प्रमुख रूप से शामिल है. उसने बिहार समेत दूसरे राज्यों में पीएफआइ की ओर से दी जाने वाली फिजिकल ट्रेनिंग में भी भाग लिया था. साथ ही पीएफआइ की ओर से निकाली जाने वाली रैली जो चकिया व दरभंगा में आयोजित थी, उसमें भी भाग लिया था. पटना के फुलवारीशरीफ में 2022 में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी शामिल हुआ था.

गोपनीय तरीके से ट्रेनिंग करवाता था रियाज..

बताया कि 2022 में जब पीएफआइ को सरकार ने प्रतिबंधित संगठन घोषित किया तब रियाज मारूफ गोपनीय तरीके से ट्रेनिंग व अन्य गतिविधि संचालित करने लगा. व्हाट्सएप के माध्यम से एक ऑडियो मैसेज भेजकर उसको याकूब खान, सुल्तान व उस्मान के साथ गोपनीय तरीके से मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज थाने के परसौनी में बुलाया था. यहां पीएफआइ कनेक्शन को लेकर एक बैठक की थी. मो. बेलाल के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर एनआइए ने इंस्पेक्टर विकास के नेतृत्व में बरूराज पुलिस के सहयोग से परसौनी गांव में रियाज मारूफ के रिश्तेदार मो. कादिर अंसारी के घर पर छापेमारी की थी. यहां पीएफआइ से जुड़ा प्रिंट बैनर, दो तलवार, पीएफआइ का झंडा आदि बरामद हुआ था. इसी मामले में एनआइए की ओर से प्राथमिकी बरूराज थाने में दर्ज करायी गयी थी.

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