बिहार में अब सबूतों के अभाव नहीं छूटेंगे दुराचारी, पुलिस को मिला हर राज बताने वाला स्पेशल कीट, जानें पूरी बात

बिहार में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा करने वाले पर सख्ती बढ़ गयी है. महिलाओं के साथ यौन हिंसा करने वाले आरोपी सबूत के अभाव में बच न जाये इसके लिये बिहार पुलिस को सबूत एकत्रित करने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2023 11:22 PM

बिहार में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा करने वाले पर सख्ती बढ़ गयी है. महिलाओं के साथ यौन हिंसा करने वाले आरोपी सबूत के अभाव में बच न जाये इसके लिये बिहार पुलिस को सबूत एकत्रित करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिये सभी 98 पुलिस सब डिवीजन में सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट ( एसएइसी ) पहले ही उपलब्ध कराया जा चुकी है. गौरतलब है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन हिंसा में कमजोर सबूत का फायदा उठाकर कई आरोपी या तो छूट जाते हैं, अथवा कम से कम सजा पाते हैं. ऐसे में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ जाता है.

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार बताते हैं कि बिहार पुलिस द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कांड का खुलासा करने और निष्पादन में गति लाने के लिये रेंजवार एसएइसी से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया गया है. एफएसएल के वैज्ञानिक पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया है. मगध क्षेत्र के 15, शाहाबाद के 12, तिरहुत के 11 सारण रेंज के 06 डीएसपी प्रशिक्षित किये गये हैं. मिथिला, पूर्णियां और पूर्वी क्षेत्र में भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है. बचे हुए रेंज में जल्द ही यह पूरा करा लिया जायेगा. इससे बिहार में यौन हिंसा पर लगाम लगाने में पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी. इसके साथ ही, जांच में भी मदद मिलेगी.

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इस किट के जरिये ब्लड सैंपल और सीमेन से जुड़ी कई प्रकार की जांच करने की जानकारी दी गयी. यौन हिंसा और दुष्कर्म जैसे अपराधों मेंमे डिकल जांच में देरी होने से सबूत नष्ट होने से आरोपी छूट जाते हैं. सैक्सुअल एसॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट में 18 उपकरण हैं. खून और सिमेन सैंपल इकट्ठा करने के लिए एक बक्सा, माइक्रोस्कोप स्लाइड और प्लास्टिक बैग आदि हैं. अलग-अलग नमूना को इकट्ठा कर रखा जाता है.

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