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बिहार जहरीली शराबकांड: मुआवजे का प्रावधान न था न है, मद्य निधेष मंत्री ने बता दी सरकार की नीति

मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग पर चौतरफा घिर चुकी सरकार ने कानून और नीति का हवाला देते हुए साफ कर दिया है कि वर्तमान में न ऐसा कोई प्रावधान है और न ही ऐसी सरकार की नीति है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2022 3:00 PM

पटना. जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुआवजे को लेकर विपक्ष लगतार हमलावर है, इधर सरकार के सहयोगी कांग्रेस और वामदलों ने भी इस मुद्दे पर विपक्ष के सुर में सुर मिला लिया है. मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग पर चौतरफा घिर चुकी सरकार ने कानून और नीति का हवाला देते हुए साफ कर दिया है कि वर्तमान में न ऐसा कोई प्रावधान है और न ही ऐसी सरकार की नीति है. सरकार की ओर से यह बयान तब आया है जब भाजपा बार बार हवाला दे रही है कि जब उत्पाद अधिनियम में मुआवजे के प्रावधान है, तब सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दे रही है.

शराब बेचना और पीना दोनों ही अपराध

उत्पाद एवं मद्य निधेष मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को कहा कि सारण जिले में अब तक जहरीली शराब पीने से 38 मौतें हुईं हैं. उन्होंने कहा कि शराब बेचना और पीना दोनों ही अपराध है. अपराध करने पर मुआवजा नहीं मिलता है. जिन लोगों ने भी अपराध किया है उसपर कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. शराब पीकर मरने पर मुआवजा का कहीं कोई प्रावधान नहीं है.

कानून में प्रावधान कारोबारियों की क्षतिपूर्ति था

विपक्ष की इस मांग पर मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि उत्पाद अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक दोषियों की संपत्ति को बेचकर पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही गयी है. गोपालगंज में 2016 में जो भी मुआवजे की बात थी, उसमें यह था कि मामले में जो लोग दोषी हैं उनके पास से रिकवरी की जाएगी. गोपालगंज जिला रिकवरी की प्रक्रिया कर रहा है, लेकिन फिलहाल सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है. मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सरकार शराब पीकर मरने वालों को मुआवजा देगी.

सभी दलों के समर्थन से लागू हुई शराबबंदी 

मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी कानून लागू हो रहा था, तब भाजपा समेत सभी दलों ने इसका समर्थन किया था. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अबतक 230 से अधिक कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है. आगे भी जो जहरीली शराब कांड में दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई तय है. सरकार वरीय अधिकारियों से मामले की जांच करा रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी जरूरी होगा वह कदम उठाया जाएगा.

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