बिहार: पुलिस ने लाखों की धोखाधड़ी करने वाले दो बदमाशों को किया गिरफ्तार, जानें कैसे लोगों को बनाते थे निशाना
Bihar News: बिहार में पुलिस ने लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले ठगों को गिरफ्तार किया है. यह लोगों से ठगी की घटना को अंजाम देते थे. पूर्णिया के दो युवक को नारायणपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
Bihar News: बिहार में पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले ठगों को गिरफ्तार किया है. यह लोगों से ठगी की घटना को अंजाम देते थे. पूर्णिया में दो युवक को नारायणपुर थाने की पुलिस ने एक कंपनी में निवेश पर दोगुना रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इनके नाम बालावल हैदर (25) और शफीक अहमद हैं. हैदर पूर्णिया जिले का रहने वाला है, जबकि शफीक उत्तर 24 परगना के देगंगा का निवासी है. आरोपितों के पास से कई फर्जी सरकारी दस्तावेज व प्राचीन सामान बरामद हुए हैं.
कंपनी में शामिल होने के नाम पर लगाया चूना
जानकारी के अनुसार मुंबई की मूल निवासी व नारायणपुर में रहनेवाली नेहल खोलकियाने ने थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी थी. उसने पुलिस को बताया कि बिहार के उसके साथी बालावल हैदर ने अपनी कंपनी ‘यूनिवर्सल ग्रुप’ में शामिल होने के लिए उसे राजी किया था. लेकिन, बाद में उसे पता चला कि उसकी कंपनी का व्यवसाय राइस पुलिंग मशीन में निवेश के नाम पर लोगों को धोखा देना है.
फर्जी कार्यालय में पुलिस ने की छापेमारी
इधर, पटना में एसपी वर्मा रोड में करपुरा भवन स्थित कार्यालय में पुलिस ने छापेमारी की है. यहां विदेश भेजने के नाम पर यूपी-बिहार के करीब डेढ़ सौ लोगों से 60 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में छापेमारी हुई है. बताया जा रहा है कि यहां पुलिस को कार्यालय से कई दस्तावेज मिले हैं. दस्तावेज में लोगों के डॉक्यूमेंट समेत अन्य जरूरी कागजात भी शामिल है. 21 जुलाई को कुवैत और दुबई भेजने के नाम पर डेढ़ सौ से अधिक लोगों से 60 लाख रुपये से अधिक की ठगी की थी.
Also Read: Explainer: मौसमी बीमारियों के मरीजों में बढ़ोतरी, बेगूसराय में डायरिया से बच्चे की मौत, जानें बचाव के उपाय
जालसाजों के नंबर स्विच ऑफ
जानकारी के अनुसार पीड़ितों द्वारा जालसाजों के नंबर फिलहाल स्विच ऑफ है. वहीं इस मामले में तकनीकी अनुसंधान की टीम को भी लगाया गया है. जिस सीमा नाम की महिला के खाते में पीड़ितों ने पैसा ट्रांसफर किया है उसके बारे में बैंक से जानकारी मांगी गयी है. जानकारी मिलने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. बताया जाता है कि शातिर बकायदा कार्यालय में लोगों के कागजात संबंधित काम के लिए दो स्टाफ भी रखे हुए थे. दोनों का काम मोबाइल का इन्क्वायरी करना, उन्हें कंपनी और संबंधित जानकारी देना था. पीड़ितों ने पुलिस तो दोनों स्टाफ का फोटो भी उपलब्ध कराया है. कोतवाली थानेदार संजीत कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. जल्द ही नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले शातिरों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी
बता दें कि पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक प्लेसमेंट एजेंसी ने कुवैत में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर जालसाजी की. नौकरी के साथ ही युवाओं से वीजा दिलाने के लिए रुपए लिए गए. बदमाशों ने युवाओं को फर्जी वीजा देकर यात्रा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट भेज दिया. फर्जी वीजा के साथ पीड़ित आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंच गए. एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद इन्हें जानकारी मिली कि इनका वीजा फर्जी है. दिल्ली से पटना लौटने के बाद इन्होंने फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही पुलिस मामले की जांच में जुटी है. इसी क्रम में पुलिस ने छापेमारी भी किया. कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुटी है. पुलिस छानबीन कर रही है. एजेंसी संचालक और मामले में संलिप्त लोगों की जांच जारी है.
बता दें कि एसपी वर्मा रोड में एक कंपनी चलाई जा रही थी. यहां प्लेसमेंट एजेंसी का कार्यालय था. इस एजेंसी की ओर से ही नौकरी के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी हुआ था. इसके जरिए नौकरी देने का दावा किया गया था. इसमें तकनीशियन, इलेक्ट्रिकल, हेल्पर, फीडर, प्लंबर जैसे पदों पर नौकरी दिलाने का दावा किया गया था. पहर महीने अच्छी सैलरी देने की भी बात कही गई थी. इस फर्जी नौकरी के झांसे में कई लोग आ गए. लोगों से टिकट और चरित्र प्रमाण पत्र के बदले अच्छी रकम ली गई है. इसके साथ ही वीजा के नाम पर इनसे 40 से 45 हजार रुपए लिए गए थे. इधर, ठगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है और अक्सर ठगी की घटनाओं से जुड़ी खबर सामने आ रही है. दूसरी ओर पुलिस लगातार कार्रवाई में जुटी है.