पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार की सुबह राज्य पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन पहुंचे. उनके यहां प्रवेश करते ही पूरा पुलिस महकमा हरकत में आ गया और पूरा कार्यालय अलर्ट मोड में काम करने लगा.
सीएम ने पहले तो पूरे भवन का गहन मुआयना किया. बतौर गृह मंत्री बी-ब्लॉक के तीसरे तल पर बने अपने कार्यालय को देखा और वहीं बैठकर सरकारी कार्यों की शुरुआत की.
पास के सभाकक्ष में सभी आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए विधि-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने से संबंधित कई अहम निर्देश दिये.
कहा कि राज्य के सभी संवेदनशील स्थलों पर जल्द-से-जल्द सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं. बैठक के बाद पत्रकारों से सीएम ने कहा कि कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर पूरी मुस्तैदी के साथ काम किये जा रहे हैं.
एक-एक बिंदु पर विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है और हर एक चीज पर लगातार नजर रखी जा रही है. गृह विभाग और पुलिस पदाधिकारियों के साथ इस पर विस्तृत बातचीत हुई है.
सीएम ने कहा कि राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति हर हाल में ज्यादा बेहतर होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यहां रोज आना तो संभव नहीं है, लेकिन उनकी कोशिश होगी कि वह यहां आते रहें.
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग, आधुनिकीकरण और राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी की भी गहन समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस आधुनिकीकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाये.
केंद्र सरकार से इस मद में मिलने वाली राशि के अलावा राज्य सरकार भी अपने मद से अतिरिक्त राशि उपलब्ध करायेगी. सीएम ने कहा कि बिहार पुलिस अकादमी में बन रहे फोरेंसिक लैब को जल्द ही पूरी तरह से क्रियाशील करें.
फोरेंसिक लैब में ट्रेनिंग के साथ पुलिस अनुसंधान के लिए जांच की भी व्यवस्था होनी चाहिए. बिहार में ही पुलिस के सभी तरह के विशिष्ट प्रशिक्षण की व्यवस्था हो. स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग के लिए स्थानों को चिह्नित करें. राज्य सरकार इसके लिए सभी तरह के जरूरी संसाधन मुहैया करायेगी.
इस बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी एसके सिंघल, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा वअनुपम कुमार, गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
बिहार पुलिस अकादमी में अब तक 150 डीएसपी, 2000 दारोगा और 300 उत्पाद निरीक्षक को मिली ट्रेनिंग डीजी, आधुनिकीकरण एनके आजाद ने पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया.
बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक सह एडीजी भृगु श्रीनिवास ने पुलिस अकादमी पर आधारित विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि दिसंबर, 2018 को इसका उद्घाटन होने के बाद अब तक 150 डीएसपी, दो हजार दारोगा और 300 उत्पाद निरीक्षक को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अकादमी की तरफ से ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था की गयी थी. इसी वर्ष मई से अब तक 24 डीएसपी और एक हजार 600 दारोगा को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है.
समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन भी दिया. इस क्रम में डीजी, प्रशिक्षण आलोक राज ने बताया कि भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निबटारे के लिए पुलिस पदाधिकारियों को जनवरी, 2021 में एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी में बने अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ायी जाये. प्रशिक्षण की सारी व्यवस्था इसी अकादमी में होगी.
अकादमी परिसर में उपलब्ध प्राकृतिक जल संरचनाओं को अच्छी तरह से विकसित करें. अकादमी को गंगा नदी का पानी भी उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए भी तैयारी चल रही है.
Posted by Ashish Jha