पटना और पूर्णिया में 10 पुलिसकर्मी वाहनों से अवैध वसूली करते धराए, कहीं सस्पेंड तो कहीं गिरफ्तारी के बाद छोड़ा
पटना और पूर्णिया में पुलिसकर्मियों ने खाकी को दागदार किया है. अवैध वसूली के आरोप में पूर्णिया में 9 पुलिसकर्मी काे सस्पेंड कर दिया गया. जबकि राजधानी पटना में ट्रांसफर होने के बाद भी वसूली करने वाले सिपाही काे गिरफ्तार किया गया.
बिहार में खाकी फिर एकबार दागदार हुई है. राजधानी पटना और सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया में पुलिसकर्मियाें के द्वारा अवैध वसूली करने का ताजा मामला सामने आया है. पूर्णिया में 9 पुलिसकर्मी जबकि राजधानी पटना में एक सिपाही के द्वारा अवैध तरीके से वाहनों से वसूली की गयी. पटना के फुलवारीशरीफ थाने के खोजा इमली इलाके में एक सिपाही वाहनों की चेकिंग कर रहा था और जुर्माने के रूप में अवैध रूप से राशि वसूल रहा था. इसकी भनक जब ट्रैफिक एसपी को लगी तो उन्होंने इसकी जांच करवाई. जांच में हैरान करने वाली हकीकत सामने आयी. उक्त सिपाही ट्रांसफर होने के बाद भी वसूली कर रहा था. उसकी गिरफ्तारी पहले की गयी लेकिन बाद में थाने से महज नोटिस थमाकर उसे विदा कर दिया. जबकि पूर्णिया में एसपी ने 9 पुलिसकर्मियों को वसूली के आरोप के बाद सस्पेंड किया है.
पटना में ट्रांसफर होने के बाद भी वसूली कर रहा था सिपाही
फुलवारीशरीफ थाने के खोजा इमली इलाके में एक सिपाही वाहनों की चेकिंग कर रहा था और जुर्माने के रूप में अवैध रूप से राशि वसूल रहा था. इस सूचना के बाद ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने ट्रैफिक डीएसपी अजीत कुमार व यातायात रेगुलेशन मोबाइल नंबर सात के प्रभारी संजय कुमार को जांच के लिए भेजा. टीम शुक्रवार की सुबह आठ बजे खोजा इमली पहुंची, तो पाया कि बिना नेम प्लेट लगाये सिपाही आशुतोष कुमार वाहनों को रोक कर जांच कर रहा है और अवैध वसूली कर रहा है. उसने चेहरे पर रूमाल लगा रखा था. उस जगह पर नौ बजे से नौ बजे रात तक ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी रहती है. मामला सत्यापित होने के बाद आशुतोष कुमार को पकड़ कर पूछताछ की गयी, तो सारी कहानी सामने आ गयी. वह मूल रूप से खगड़िया के गोगरी का रहने वाला है और 23 नवंबर को ही यातायात से विरमित हो चुका है. इसके बावजूद यह ट्रैफिक सिपाही बन कर अवैध रूप से वसूली कर रहा था. जांच करने गयी टीम ने उसके खिलाफ फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी और उसे स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया. फुलवारीशरीफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 419 के तहत प्राथमिकी दर्ज की और सीआरपीसी 41 के नियमों के तहत नोटिस देकर छोड़ दिया गया.
गिरफ्तारी के बाद सिपाही को पुलिस ने नोटिस देकर छोड़ा
पटना के ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने बताया कि जुर्माना करने की शक्ति पुलिस एसआइ व उनसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों को है. सिपाही पर फुलवारीशरीफ थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि सिपाही को फुलवारीशरीफ पुलिस के हवाले कर दिया गया था. फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष शफीर आलम ने बताया कि सीआरपीसी 41 के नियमों के आधार पर गिरफ्तार करने के बाद नोटिस देकर सिपाही को छोड़ दिया गया है. इधर, इस मामले में यह सवाल उठ रहा है कि अवैध वसूली करने, शक्ति नहीं होेने के बावजूद जुर्माना कर उस पैसे को पॉकेट में रखने आदि का आरोप होने के बावजूद सिर्फ आइपीसी की धारा 419 में केस दर्ज कर कार्रवाई करना क्या सही है? सूत्रों का कहना है कि मामला वरीय पुलिस पदाधिकारियों के भी संज्ञान में चला गया है व इसे गंभीरता से लिया जा रहा है.
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पूर्णिया में अवैध वसूली मामले में 9 पुलिसकर्मी निलंबित
पूर्णिया के एसपी आमिर जावेद को थाना की गश्ती गाड़ी द्वारा मछली लोड गाड़ी से अवैध वसूली करने की सूचना प्राप्त हुई थी. सूचना के बाद एसपी द्वारा यातायात के उपाधीक्षक को इस संबंध में जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया था. बीते गुरुवार को रात्रि गश्ती के दौरान यातायात के पुलिस उपाधीक्षक कौशल किशोर कमल के द्वारा औचक निरीक्षण करने के क्रम में सदर डगरूआ व बायसी थाने में पदस्थापित नौ पुलिसकर्मियों को अवैध वसूली करते हुए पाया गया. इस तरह के अवैध वसूली से पुलिस की छवि धूमिल हुई है. पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में सदर थाना के पुअनि दिनेश चंद्र मिश्रा, बायसी थाना के पुअनि जितेंद्र यादव, सअनि वीरेंद्र कुमार सिंह, सअनि दिनेश यादव, सिपाही सूरज कुमार, सिपाही बबलू कुमार, सिपाही नीतीश कुमार व डगरूआ थाना के सिपाही सुजीत कुमार के अलावा सदर थाना के डीपीसी उमेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से एसपी द्वारा निलंबित कर दिया गया है. साथ ही जलालगढ़ थाना के पुअनि रोहित कुमार व अन्य चार कर्मियों को उनकी चुस्ती-मुस्तैद के लिए सु-सेवांक से पुरस्कृत किया गया है.