एक माह में बिहार पुलिस ने कोरोना गाइड लाइन तोड़नेवालों से वसूला चार करोड़ जुर्माना

राज्य में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं करने वालों पर बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते एक अप्रैल से सभी जिलों में इसके लिए अभियान ही चलाया गया है. एक अप्रैल से अभी तक करीब चार करोड़ रुपये का जुर्माना बिहार पुलिस ने वसूला है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2021 8:19 AM
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पटना. राज्य में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं करने वालों पर बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते एक अप्रैल से सभी जिलों में इसके लिए अभियान ही चलाया गया है. एक अप्रैल से अभी तक करीब चार करोड़ रुपये का जुर्माना बिहार पुलिस ने वसूला है. इसमें एक करोड़ से अधिक का जुर्माना नाइट कर्फ्यू के दौरान वसूल किया गया है.

पुलिस मुख्यालय के अनुसार, कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 70 प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस दौरान करीब डेढ़ लाख गाड़ियां जब्त की गई हैं. इनके वाहनमालिकों पर जुर्माना भी वसूला गया है.

मास्क को लेकर लगातार चलाये जा रहे जागरूकता अभियान और वितरण के बावजूद कुछ लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. बिहार पुलिस ने सिर्फ अप्रैल माह में एक लाख 14 हजार से अधिक लोगों को बिना मास्क के पकड़ा है. इनसे 57 लाख रुपये से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूली गयी है. मास्क न पहनने पर प्रशासन की ओर से अभी 50 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है.

डॉक्टरों की सुरक्षा करें और कालाबाजारी रोकें

इधर, राज्य में आये दिन चिकित्सकों, चिकित्सा कार्य में लगे कर्मियों के साथ हो रही मारपीट और बाजार में आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी को लेकर आ रही खबरों के बीच सोमवार को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी की ओर से संयुक्त आदेश जारी कर सभी जिलों से इन पर रोक लगाने को कहा गया है.

जारी संयुक्त आदेश में निर्देश दिया गया है कि सभी डीएम और एसपी अपने जिले में इलाज के लिए चिह्नित अस्पतालों, कोविड-19 सेंटर के आसपास विधि व्यवस्था का समुचित प्रबंध करेंगे. वहां पर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाये. अस्पताल वाले क्षेत्रों में पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुदृढ़ की जायेगी और गश्त की संख्या में वृद्धि की जाये.

सभी जिलों के एसपी स्थिति का आकलन करें और संवेदनशील क्षेत्रों मैं स्टैटिक पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करें. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के इलाज में लगे सभी चिकित्सक, अस्पताल एवं अन्य संस्थानों को विधि व्यवस्था में शामिल पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं. मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्ति इलाज में बाधा पहुंचाए तो तत्काल पुलिस को सूचना दे सकें.

अनुचित दबाव डालने की सूचना

डीजीपी और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के संयुक्त आदेश में कहा गया है कि कोरोना का दूसरा लहर का व्यापक प्रभाव है. आम लोगों में भय व्याप्त है. राज्य के सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में अधिक दवाब की लगातार स्थिति बनी हुई है. ऐसे में चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा दुर्व्यवहार एवं मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती हैं. जिससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या होने की संभावना है.

आठ बिंदुओं पर आदेश

संयुक्त आदेश में आठ बिंदुओं के माध्यम से निर्देश दिये गये हैं. यदि कोई व्यक्ति या समूह चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी और अस्पताल प्रबंधन को इलाज के दौरान कोई हानि या क्षति पहुंचाता है तो उनके विरुद्ध बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम 2011 तथा आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई करें.

सभी डीएम एवं एसपी प्रमुख चिकित्सकों एवं प्रतिष्ठित अस्पताल के प्रबंधन के साथ बैठक करें. जिला प्रशासन ऑक्सीजन, कोविड-19 में सहायक दवाओं एवं अन्य वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. इसके अलावा कोविड संक्रमित मरीजों के परिजनों को बैठने के लिए अस्थायी प्रतिक्षालय का निर्माण किया जाये.

Posted by Ashish Jha

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