बिहार पुलिस ने रेड लाइट एरिया से 182 युवतियों व नाबालिगों को छुड़ाया, मानवाधिकार आयोग ने पूछा बड़ा सवाल
बिहार के 23 जिलों से रेड लाइट एरिया से पुलिस ने 182 महिलाओं, युवतियों और नाबालिगों को छुड़ाया है. इसकी रिपोर्ट पुलिस ने मानवाधिकार आयोग को भेजा है.
बिहार के 23 जिलों से रेड लाइट एरिया से पुलिस ने 182 महिलाओं, युवतियों और नाबालिगों को छुड़ाया है. इनको पूर्णिया, किशनगंज, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पटना, सहरसा, मधेपुरा, गया, अरवल व छपरा के रेड लाइट एरिया में दलालों ने पहुंचा दिया था. पुलिस की ओर से मानवाधिकार आयोग को सौंपी गयी रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. एक शिकायत के आधार पर आयोग ने पुलिस से इसकी रिपोर्ट मांगी थी. पुलिस ने आयोग को बताया है कि इनमें से कुछ को उनके घर, कुछ को आश्रय गृहों में भेज दिया गया है. पश्चिम बंगाल व असम की लड़कियों को उनके राज्य तथा नेपाल की लड़कियों को उनके देश भेज दिया गया है.
छुड़ायी गयी महिलाओं की मांगी रिपोर्ट
देह धंधे से छुड़ायी गयी महिलाओं, युवतियों व नाबालिग की स्थिति की आयोग ने रिपोर्ट मांगी है. पूछा है कि इन महिलाओं की स्थिति अभी कैसी है. अभी ये कहां रह रही हैं. किस स्थिति में रह रही हैं. इनकी शिक्षा व जीविकोपार्जन के लिए क्या हो रहा है. पूछा है कि कहीं वे फिर से देह व्यापार के धंधे में तो संलिप्त नहीं हो गयीं.
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इन जिलों से मुक्त करायी गयीं नाबालिग
बेतिया में 27, पूर्णिया में 14, बेगूसराय में पांच, रोहतास में चार, नालंदा में एक, किशनगंज में छह, मधेपुरा में एक, सीतामढ़ी में छह, सारण में दो, रोहतास में 11, भागलपुर में एक, पटना में 4, गया में दो, मुजफ्फरपुर में दो, समस्तीपुर में दो नाबालिगों को भी छुड़ाया गया. मोतिहारी से 18 नाबालिग मुक्त करायी गयीं, इनमें पांच नेपाल की थीं. उक्त जिलों से नाबालिगों के अलावा महिलाएं व युवतियों को भी छुड़ाया गया है. सभी को उनके घर भेज दिया गया है.
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