बिहार पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के फरार गुर्गों पर रखा ईनाम, NIA के पास जा सकता है हथियार तस्करी का केस
बिहार पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के फरार गुर्गों पर अब ईनाम की घोषणा कर दी है. हथियार तस्करी से जुड़ा केस अब एनआइए के पास जा सकता है.
लॉरेंस बिश्नोई के फरार गुर्गों पर ईनाम की घोषणा बिहार पुलिस ने कर दी है. वहीं इस गिरोह से जुड़े बिहार पुलिस के केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ले सकती है. सूत्र बताते हैं कि यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट से विदेशी हथियारों की बरामदगी के बाद दूसरी बार दिल्ली से एनआइए की टीम जांच के लिए पहुंची. एनआइए की ओर से हथियार तस्करी के दर्ज किये गये केस की स्टडी की गयी और बिहार पुलिस से अब तक की जांच और कार्रवाई से जुड़ी जानकारी ली गयी.
गैंग के फरार गुर्गों पर रखा ईनाम
इधर, बिहार पुलिस की ओर से हथियार तस्करी के दर्ज किये गये केस का अनुसंधान तेज कर दिया गया है. पुलिस की जांच का दायरा कई राज्यों तक बढ़ा है. एसपी स्वर्ण प्रभात का कहना है कि बिहार पुलिस को हथियार तस्करों की जांच में कई एजेंसियों की मदद मिल रही है. वहीं पुलिस ने इन फरार अपराधियों के ऊपर ईनाम की घोषणा की है. गोपालगंज के एसपी ने बताया कि राजस्थान निवासी राहुल रावत और भूपेंद्र सिंह पर 50-50 हजार का ईनाम रखा गया है. जबकि इस गिरोह के एसके मीणा उर्फ मयंक उर्फ सुनील मीणा पर 1 लाख रुपए का ईनाम रखा गया है. बता दें कि मयंक उर्फ सुनील मीणा के विदेश में छिपे होने की आशंका जतायी जा रही है.
झारखंड के जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू से जुड़ा कनेक्शन
पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आयी है कि हथियार की सप्लाइ मुजफ्फरपुर में देनी थी, जिससे मोतिहारी व मुजफ्फरपुर में बड़ी घटना को अंजाम देना था. पुलिस इसकी तफ्तीश में जुटी है कि मोतिहारी व मुजफ्फरपुर में इनके निशाने पर कौन लोग थे. लॉरेंस के साम्राज्य को बिहार में कौन बढ़ा रहा है, इन तमाम बिंदु पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच चल रही है. हालांकि यह साफ हो चुका है कि लॉरेंस के गुर्गों द्वारा तस्करी कर सप्लाइ किये गये हथियार झारखंड के जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह तक पहुंचता था. अमन साहू का नाम जुड़ने के बाद झारखंड से भी एटीएस ने आकर जांच की है.
बिहार एसटीएफ और गोपालगंज पुलिस कर रही छापेमारी
बिहार एसटीएफ और गोपालगंज पुलिस की ओर से गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी जारी है. राजस्थान के जिन नये गुर्गों का नाम सामने आया है, उनमें राजस्थान के अजमेर जिले के खरवा थाना क्षेत्र के खरवा निवासी भूपेंद्र सिंह, अजमेर जिला के मंगलीयावास थाने के केसरपुरा निवासी राहुल कुमार के नाम शामिल हैं. इनके अलावा राजस्थान के रहनेवाले एसके मीणा उर्फ सुनील कुमार उर्फ मयंक सिंह भी शामिल हैं. एसके मीणा उर्फ मयंक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप कॉलिंग कर हथियारों की डिलिवरी कराता था. फिलहाल उसका लोकेशन मलयेशिया में बताया जा रहा है. 22 जुलाई से अब तक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच चल रही है. अब इन फरार गुर्गों पर ईनाम की भी घोषणा पुलिस ने कर दी है.
क्या है पूरा मामला, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बिहार कनेक्शन
गौरतलब है कि बीते 22 जुलाई को गोपालगंज के यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर कुचायकोट थाने की पुलिस ने नगालैंड नंबर की एक बस से दो अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार ग्लोक पिस्टल, आठ मैगजीन बरामद की गयी थी. गिरफ्तार किये गये हथियार तस्करों में मुजफ्फरपुर के गाय घाट थाना क्षेत्र के बोवारी गांव निवासी शंतनु शिवम और राजस्थान के अजमेर जिला के कमल राव शामिल था. इन तस्करों से पूछताछ के बाद पुलिस ने एसटीएफ की मदद से तीसरे गुर्गे राजस्थान के अजमेर जिले के मांगलीयावास थाना क्षेत्र के केसरपुर निवासी नारायण सिंह के पुत्र दिनेश सिंह रावत को 24 जुलाई को गिरफ्तार किया था. फिलहाल तीनों गुर्गे जेल में बंद हैं. इनमें से शंतनु शिवम की 30 जुलाई को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम के कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है.