साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये बिहार पुलिस की तैयारी, STF की तरह नियुक्त होंगे SP अभियान
केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर नेशनल साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की सपोर्ट के लिये जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी सहमति दी थी उनमें बिहार भी था.
पटना. साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये अब एसटीएफ की तर्ज पर एसपी अनुसंधान और अभियान होंगे. सरकार ने साइबर अपराध पर प्रभावी चोट करने के लिये बिहार में राज्य पुलिस के क्षेत्रीय मुख्यालय और जिला मुख्यालय स्तर पर साइबर अपराध समन्वय केंद्र के लिये पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के 405 पदों का सृजन कर दिया है.
कहां कितने पद
इसमें डीआइजी का एक और एसपी के दो पद हैं. डीएसपी साइबर के 16, इंस्पेक्टर 226, इंस्पेक्टर प्रवाचक तीन, दारोगा 4, आशु सहायक अवर निरीक्षक 16, सिपाही 44 तथा चालक सिपाही के 93 पद हैं गृह विभाग ने सोमवार को इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया.
साइबर अपराध समन्वय केंद्र होगा स्थापित
केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर नेशनल साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की सपोर्ट के लिये जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी सहमति दी थी उनमें बिहार भी था. बिहार में इसे बिहार साइबर अपराध समन्वय केंद्र (बी4सी) नाम से जाना जायेगा. यह राजभवन के समीप इओयू परिसर में स्थापित होगा.
एक डीआइजी, दो एसपी के अधीन काम करेगा बी4सी
बी4सी के क्रियान्वयन के लिये 49 पदों का सृजन किया गया है. डीआइजी (साइबर) , एसपी (साइबर) अनुसंधान एवं अभियान तथा एसपी (साइबर) प्रशिक्षण , पोर्टल एवं समन्वय का एक-एक पद होगा. डीएसपी- इंस्पेक्टर , दारोगा तथा एएसआइ स्टैनो के चार- चार पद हैं. तीन पद इंस्पेक्टर प्रवाचक का है. सात चालक तथा बीस सिपाही होंगे.
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डीएसपी संभालेंगे आर4सी और डी4सी
क्षेत्रीय स्तर पर पुलिस के प्रत्येक क्षेत्रीय मुख्यालय तथा जिला मुख्यालय में साइबर अपराध समन्वय केंद्र के लिये 60 पद होंगे. इसमें 12 डीएसपी, 12 आशु सहायक अवर निरीक्षक, 24 सिपाही और 12 चालक सिपाही होंगे.
पूर्व में स्थापित 74 साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया यूनिट के लिये 222 इंस्पेक्टर और 74 चालक सिपाही कुल 296 पद सृजित किया गया है. इनमें से प्रत्येक यूनिट पर तीन इंस्पेक्टर और एक चालक को पदस्थापित किया जायेगा.