बिहार पुलिस में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले युवकों पर कसेगा शिकंजा, 229 पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
Bihar Police: बिहार पुलिस बल भर्ती विज्ञापन संख्या एक- 2017 में गौतम कुमार एवं अन्य 228 अभियुक्तों के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा कर परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का आरोप दर्ज किया गया है. इनमें से 17 ने न्यायालय में समर्पण कर दिया है.
पटना: विधान परिषद में विधान पार्षद प्रो. नवल किशोर यादव के एक तारांकित सवाल का जवाब सरकार ने दिया है. आधिकारिक पोर्टल पर भेजे गये इस जवाब में सरकार ने बताया कि है कि बिहार पुलिस बल भर्ती विज्ञापन संख्या एक- 2017 में गौतम कुमार एवं अन्य 228 अभियुक्तों के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा कर परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का आरोप दर्ज किया गया है. इनमें से 17 ने न्यायालय में समर्पण कर दिया है. अब वे जमानत पर मुक्त हैं. इस कांड के शेष बचे प्राथमिकी अभियुक्तों का की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
जांच में नहीं अंगूठे के निशान नहीं हुए थे मैच
विभाग ने एमएलसी को बताया है कि शारीरिक दक्षता परीक्षा के पूर्व अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत पहचान की जांच बायोमीटरिक विधि से की गयी थी. ऐसे अभ्यर्थियों जिनके अंगूठे के निशान नहीं मिले थे, उनकी हस्तलिपि/हस्ताक्षर और बाएं अंगूठे का निशान प्राप्त कर सुरक्षित रख लिया गया था, ताकि उसका मिलान पुलिस प्रयोगशााला अपराध अनुसंधान विभाग से उसकी रोल नंबर की ओएमआर शीट तथा उपस्थित पत्रक पर हस्तलिपि/हस्ताक्षर एवं बाएं अंगूठे के निशान से मिलान कराया जा सके.
235 अभ्यर्थियों का चयन औपबंधिक रूप में किया गया था
शारीरिक दक्षता परीक्षा समाप्त होने के उपरांत तक पुलिस प्रयोगशाला से जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने की स्थिति में परीक्षा फल को लंबे समय तक रोका नहीं जा सकता था. इसलिए दक्षता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम निकाला गया. इसमें 235 अभ्यर्थियों का चयन औपबंधिक रूप में किया गया था. इस पूरे मामले में मेधावियों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं हुआ है. इसी तारांकित सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि इस भर्ती में 9900 पदों के लिए बहाली हुई थीं. इसमें 9839 अभ्यर्थियों की चयन अनुशंसा की गयी थी. गोरखा अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की स्थिति में 61 रिक्तियां शेष रह गयी थीं.