बिहार में तेजी से बदलते सियासी समीकरण के बीच हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी की पूछ बढ़ गयी है. माहगठबंधन और एनडीए दोनों घटक दल उनको अपने साथ लेने के लिए दांव खेल रही है. पिछले 24 घंटे में बीजेपी के कई सीनियर नेता उनसे मिलकर उनको अपने साथ जोड़े रखने का प्रयास कर रहे हैं वहीं महागठबंधन की ओर से यह कमान आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि आरजेडी ने जीतन राम मांझी को एक डिप्टी सीएम और दो मंत्री का पद देने का प्रस्ताव रखा है.
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आरजेडी सूत्रों ने दावा किया है कि महागठबंधन में विधायकों की संख्या 118 तक पहुंच गई है. जो कि बहुमत के 122 से सिर्फ 4 दूर हैं. सीएम नीतीश कुमार को हटाकर महागठबंधन में अभी तक विधायकों की संख्या 114 थी. लेकिन, अब RJD का दावा है कि यह संख्या 118 है. जरुरी आंकड़े एकत्रित करने के लिए आरजेडी की ओर से एआईएमआईएम, 1 निर्दलीय, और जदयू के असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साधाने के साथ साथ जीतन राम मांझी के भी संपर्क में है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम के बिहार विधान सभा में चार विधायक हैं.
बिहार में सियासी परिवर्तन तय माना जा रहा है. इसका बस ऐलान होना बाकी है. लेकिन, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तरफ से अभी समर्थन वापस लेने की न तो बता कही जा रही है और न ही सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही जा रही है.क्योंकि इस बार लालू यादव नीतीश कुमार को यह कहने का मौका नहीं देना चाहते कि हमारे साथ खेला किया गया है. बल्कि आरजेडी इंतजार कर रही है कि कब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करते हैं. इसके बाद नीतीश को सदन फ्लोर पर ही फेल कर देंगे.
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास अभी 45 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के पास 76 और हम के पास 4 विधायक है. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में नीतीश कुमार बीजेपी और हम के साथ मिलते है तो उनके पास 125 विधायक हो जाएंगे जो सरकार बनाने के लिए काफी है.