बिहार में अब डबल इंजन की सरकार नहीं रही. सियासी उलटफेर के बाद फिर एकबार सूबे में महागठबंधन की सरकार बनी है. जदयू और भाजपा दोनों जब एनडीए का हिस्सा बनकर सरकार में साथ थी तो बिहार के कई प्रोजेक्टों को लेकर जनता की उम्मीदें बढ़ी हुई थी. दोनों दलों के नेता अक्सर ये कहते रहते कि सूबे में डबल इंजन की सरकार है इसलिए विकास कार्य तीव्र गति से होगा. अब भाजपा और जदयू दोनों अलग हुई तो भागलपुर के पांच सड़क व पुल प्रोजेक्ट पर सबकी नजरें टिकी है.
बिहार के डबल इंजन वाली सरकार से अब एक इंजन अलग हो गया है. भाजपा को बिहार की सत्ता से बाहर करके जदयू ने महागठबंधन में राजद व कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया है. भाजपा विपक्षी पार्टी हो जाने के बाद जदयू व राजद पर हमलावर है. वहीं सरकार बदलते ही महागठबंधन से सबसे पहला प्रहार केंद्र की गद्दी पर बैठे नरेंद्र मोदी व भाजपा सरकार पर किया है. इस हालात में अब भागलपुर के उन बड़े प्रोजेक्ट पर सबकी नजरें हैं जिसपर काफी तेजी से अब निर्माण कार्य किया जा रहा था.
भागलपुर की सबसे बड़ी समस्या अभी सड़क की है. मिर्जाचौकी और मुंगेर के बीच बन रहा फोरलेन केंद्र सरकार की प्राथमिकता में रहा है. 5,788 करोड़ की लागत से चार फेज में बन रहे इस सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. बिहार को झारखंड से जोड़ने वाली इस फोरलेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण केंद्र सरकार की मदद से ही हो रहा है. अभी भूमि अधिग्रहण का पेंच कइ जगहों पर फंसा हुआ है.
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मुंगेर से मिर्जाचौकी तक वर्तमान में जो एनएच 80 है वो बेहद जर्जर हालत में है. रोजाना इसे लेकर लोगों का गुस्सा सामने दिखता है. बारिश होते ही सड़क तालाब के रुप में दिखने लगता है. केवल गड्ढे ही इसकी हकीकत हैं और कइ लोगों की जान इसपर जा चुकी है. इस सड़क का चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य होना बाकी है. जीरोमाइल से मिर्जाचौकी के बीच 484.88 करोड़ और घोरघट से दोगच्छी(नाथनगर) के बीच 398.88 करोड़ की लागत से इसका मरम्मत कार्य होगा.
सुल्तानगंज अगुवानी पुल सह सड़क का निर्माण नाबार्ड के सहयोग से किया जा रहा है. गंगा नदी पर बन रहे इस पुल और अप्रोच रोड़ का निर्माण एजेंसी को सौंपा गया है. इसका शिलान्यास 2014 में ही हो गया था. हाल में ही इस पुल का एक पाया ध्वस्त हो गया जिसपर केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री नितिन गड़करी ने भी संज्ञान लिया था.
भागलपुर में गंगा पर वर्तमान विक्रमशिला सेतु के समानांतर एक फोरलेन पुल प्रस्तावित है. 995 करोड़ की लागत से ये पुल बनना है. इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. टेंडर अभी अप्रुवल प्रक्रिया में है. जमीन संबंधी कार्य भी पेंडिंग है. कुछ विवादों के कारण जमीन हस्तानांतरण में दिक्कत आयी है.
भागलपुर से हंसडीहा के बीच फोरलने सड़क की मांग अब तेज हो गयी है. देवघर में एयरपोर्ट चालू होने के बाद अब इस सड़क की जरुरत अधिक हो गयी है. 1700 करोड़ से करीब 63 किलोमीटर इस सड़क का निर्माण होना है. राज्य सरकार ने इसकी फाइल केंद्र को भेजी है. तीन महीने पहले भेजे इस फाइल पर मंत्रालय की मुहर नहीं लग पाई है. बांका के रास्ते बिहार को झारखंड से ये सड़क जोड़ती है. इस सड़क के निर्माण में केंद्र की बड़ी भूमिका रहेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan