बिहार में BJP+JDU ही बहुमत के लिए काफी, हम पार्टी और निर्दलीय भी साथ, जानिए सत्ता का नया समीकरण क्या होगा..
Bihar Political Crisis: बिहार में भाजपा और जदयू फिर एकसाथ आ रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. महागठबंधन सरकार पर ग्रहण लग चुका है. वहीं बहुमत के आंकड़े को छूने के लिए जानिए सत्ता का नया समीकरण क्या होगा..
Bihar Politics: बिहार में सत्ता समीकरण बदलने वाला है. पिछले कुछ दिनों से मचे सियासी घमासान के बाद अब रविवार को नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने वाले हैं. महागठबंधन की सरकार गिरेगी और प्रदेश में फिर एकबार एनडीए की सरकार बनेगी. नयी सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ही बनेंगे. कयासों का दौर जल्द ही खत्म होने वाला है. हालांकि ऐसी आशंका जतायी जा रही थी कि महागठबंधन भी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार, एनडीए के पास बहुमत का दावा पेश करने के लिए पर्याप्त संख्याबल है. जानिए क्या होगा नयी सत्ता का समीकरण..
बिहार में दोनों खेमों के विधायकों की संख्या..बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है. कुल विधायकों की संख्या 243 है. जिसमें सत्ता पर काबिज होने के लिए जदयू और भाजपा अगर दावा करती है तो उनके पास 128 विधायक हैं. इनमें एक निर्दलीय विधायक तथा 4 विधायक जीतनराम मांझी की हम पार्टी के भी शामिल हैं. सत्ता पक्ष में भाजपा के 78 विधायक, जदयू के 45 विधायक, हम पार्टी के 4 विधायक और 1 निर्दलीय विधायक शामिल होंगे. जबकि विपक्ष के पास 115 विधायक मौजूद हैं. इनमें राजद के पास 79 विधायक, भाकपा माले के पास 12 विधायक, कांग्रेस के पास 19 विधायक, भाकपा के 2 विधायक और AIMIM के 1 विधायक हैं.
महागठबंधन को बहुमत के लिए 7 विधायक कम पड़ रहे हैं. जबकि भाजपा और जदयू अकेले ही सरकार बनाने में सक्षम हैं. दोनों के विधायकों को मिला दें तो संख्या 123 पर पहुंच जाती है जो बहुमत के आंकड़े 122 से एक ज्यादा ही है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पर सबकी नजरें टिकी थीं. लेकिन पार्टी के विधानमंडल की बैठक के बाद हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने साफ किया है कि नयी सरकार में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी शामिल होगी. यानी हम के 4 विधायक भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने जा रही एनडीए की सरकार में होंगे. एनडीए ने बहुमत से 7 विधायक अधिक अपने खेमे में तैयार रखे हैं.
बिहार में सियासी उथल-पुथलगाैरतलब है कि गुरुवार से ही पटना के सियासी गलियारे में उथल-पुथल तेज हो चुकी थी. अटकलों का बाजार गरम हो चुका था. वहीं पटना से दिल्ली तक बैठकों और मुलाकातों का दौर जारी रहा. लेकिन खुलकर किसी भी दल ने टूट की बात नहीं स्वीकारी. लेकिन शनिवार तक सारे दृश्य साफ होने लगे. जदयू और राजद में कड़वाहट खुलकर सामने आए. वहीं कांग्रेस पर भी जदयू हमलावर रही. अब यह तय लगने लगा है कि प्रदेश में NDA की सरकार फिर से बन सकती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.