Inside Story: बिहार कांग्रेस चीफ के नाम पर फंसा पेंच, जानिए अन्तिम फैसले पर क्यों लगा ब्रेक
कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की ओर से कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के रुप में राजेश राम और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार आशीष और ब्रजेश कुमार पांडेय का नाम भेजा है. लेकिन, पार्टी के दो सीनियर नेताओं ने सोनिया गांधी से मिलकर इसपर विरोध व्यक्त किया है.
राजेश कुमार ओझा
बिहार प्रदेश कांग्रेस मुखिया के नाम की घोषणा पर फिर ब्रेक लग गयी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार आशीष और ब्रजेश कुमार पांडेय के नाम पर कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं ने अपना विरोध जताया है. इसके बाद कांग्रेस ने बिहार के नए प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी नामों की घोषणा को फिलहाल टाल दिया. कहा जा रहा है कि अब नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा राज्यसभा चुनाव के बाद होगी.
दरअसल, कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की ओर से कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के रुप में राजेश राम और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार आशीष और ब्रजेश कुमार पांडेय का नाम भेजा है. लेकिन, पार्टी के दो सीनियर नेताओं ने सोनिया गांधी से मिलकर इसपर विरोध व्यक्त किया है.
दलित प्रदेश अध्यक्ष पर पार्टी में विरोध
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के दोनों सीनियर नेता बिहार में दलित प्रदेश अध्यक्ष का विरोध कर रहे हैं. उनका तर्क है कि सभी दल अब सवर्ण वोटरों को अपनी ओर करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस को दलित की जगह किसी सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए. इधर बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास का तर्क है कि राम विलास पासवान की मौत के बाद बिहार में दलितों का कोई बड़ा नेता नहीं है. दलित कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. हम प्रयास करें तो उन्हें अपने साथ जोड़ सकते हैं.
क्यों हो रहा विरोध
पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कांग्रेस में जो बड़े नेता हैं वे दो भाग में बंटे हुए हैं. एक लालू समर्थक हैं दूसरा नीतीश समर्थक. राज्यसभा चुनाव को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस में राजद समर्थकों की सक्रियता बढ़ गई है. वे राजद के शीर्ष नेताओं से अपना तालमेल फीट रखने के लिए बिहार कांग्रेस के दलित प्रदेश अध्यक्ष का विरोध कर रहे हैं. बताते चलें कि राजद इसका पहले से विरोध करती रही है.