बिहार में सियासत के दो ‘पावर हाउस’ की थोड़ी देर में होगी भिड़ंत, एक-दूसरे पर होंगे ‘बयानों से वार’

Bihar politics अमित शाह जहां बीजेपी के गढ़ वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में जहां अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे वहीं महागठबंधन सीमांचल में अपनी सभा कर रही है. सीमांचल आरजेडी का गढ़ कहा जाता था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2023 8:27 AM
an image

राजेश कुमार ओझा

बिहार में जारी सियासी हलचलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) शनिवार बिहार आ रहे हैं. अमित शाह बिहार में दो स्थानों पर अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे. इधर, आज ही महागठबंधन की भी पूर्णिया में सभा है. जिसे सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे. अमित शाह जहां बीजेपी के गढ़ वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में जहां अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे वहीं महागठबंधन सीमांचल में अपनी सभा कर रही है. सीमांचल आरजेडी का गढ़ कहा जाता था. लेकिन, पिछले चुनाव में यहां से आरजेडी का कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता था. जबकि एनडीए ने यहां पर पांच में से चार पर अपना कब्जा कर लिया था.

वाल्मीकि नगर में अमित शाह तो पूर्णिया में नीतीश-तेजस्वी

अमित शाह की वाल्मीकि नगर में सभा है. 400 किलोमीटर की दूरी पर पूर्णिया में नीतीश-तेजस्वी की सभा होगी. इसमें महगठबंधन के कांग्रेस और वाम दल जैसे सहयोगी भी शामिल होंगे. राजनीतिक रूप से इन दोनों रैली को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि महागठबंधन सीमांचल के पांच लोक सभा सीट पर एक बार फिर से अपना कब्जा चाहती है. पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को पांच में से मात्र एक सीट ही यहां से मिला था. हां नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने पर यह संख्या वर्तमान में बढ़कर तीन हो गई है. इधर, बीजेपी अपने किला को बचाने में लगी है. सीमांचल में अपनी सभा के बाद बेतिया में बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमितशाह अपनी सभा कर रहे हैं. यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है.

एक दूसरे पर चलेंगे बयानों के वार

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अमितशाह बीजेपी के गढ़ से महागठबंधन पर वार करेगी. क्योंकि अमित शाह को पता है कि महागठबंधन के लोग उनकी जमीन छिनने के लिए सीमांचल में अपनी रैली कर रहे हैं. सीमांचल में बीजेपी के अभी दो सांसद हैं. लोकसभा चुनाव में एनडीए यहां पर पांच में से चार सीट पर अपना कब्जा कर लिया था. लेकिन, नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन जाने के बाद यहां पर बीजेपी के मात्र दो ही सांसद बचे हैं. बीजेपी नीतीश के दोनों सांसदों को भी अपना ही मानती है. उसका कहना है कि जदयू को जो वोट मिले थे वो बीजेपी के कारण ही मिले थे. यही कारण है कि अमित शाह अपनी जमीन पर फिर से महागठबंधन पर कब्जा को रोकने के लिए बेतिया से बयानों से वार करने का कोई अवसर नहीं छोड़ेंगे.

क्या कहना है बीजेपी का

भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हमारी पार्टी संगठनात्मक शक्ति और वैचारिक प्रतिबद्धता के दो स्तंभों पर खड़ी है. केंद्रीय गृह मंत्री की बिहार यात्रा इसकी पुष्टि करती है. इधर, महागठबंधन मुस्लिम तुष्टिकरण का कार्ड खेलने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सीमांचल इलाके में अपनी सभा कर रही है.

क्या कहना है आरजेडी का

राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने आरोप लगाया कि पूर्णिया की रैली से भाजपा को सत्ता बाहर करने की लड़ाई के लिए बिगुल बजेगा. अमित शाह के दौरे से कुछ खास असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से एकमात्र उम्मीद है.

Exit mobile version