Bihar Politics: बिहार विधानमंडल बजट सत्र (Bihar Vidhan Sabha Budget Session) के 15वें दिन सोमवार को स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ही सत्ता पक्ष के निशाने पर आ गए. विरोधी दल के राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (RJD Tejashwi Yadav) को निर्धारित समय से अधिक समय दिये जाने और मंत्रियों को लेकर की गयी टिप्पणी पर मंत्रियों ने जमकर विरोध किया.
मामला उस समय बिगड़ गया जब तेजस्वी ने कहा कि कैसे-कैसे लोग सरकार में मंत्री बन गये हैं. उनके इस बयान को लेकर खुद उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने मोर्चा संभाल लिया और आसन पर (बिना नाम लिये) ही आरोप लगाया कि सदन में एक व्यक्ति विशेष को संरक्षण दिया जा रहा है. इस तरह से संरक्षण दिये जाने को लेकर वे लोग बैठे नहीं रहेंगे. इसको लेकर भाजपा के मंत्रियों अमरेंद्र प्रताप सिंह और श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार सहित भाजपा सदस्यों ने तेवर तल्ख कर सदन में अपनी बातें रखी.
सदन में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव राज्य की बंद चीनी मिलों की संपत्ति को लेकर अल्पसूचित सवाल पूछा था. वह गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार के जवाब से संतुष्ट नहीं थे. इसको लेकर वह बार-बार पूरक प्रश्न पूछ रहे थे. इधर आसन की ओर से उनके अल्पसूचित प्रश्न के लिए आठ मिनट का समय भी दिया गया फिर भी वह तारांकित प्रश्न आरंभ होने तक पूरक पूछते रहे. आसन की ओर से तारांकित प्रश्न पूछने के लिए बाराचट्टी की विधायक ज्योति देवी का नाम पुकारा. इधर तेजस्वी बार-बार पूरक प्रश्न पूछते रहे और आसन के कहने के बाद भी नहीं बैठ रहे थे.
तेजस्वी यादव ने अपने अल्पसूचित प्रश्न का जवाब नहीं मिलने पर मंत्रियों पर ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कैसे लोगों को मंत्री बना दिया गया है. यह सुनते ही उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने अपनी सीट पर विरोध जताया और कहा कि विपक्ष के नेता मंत्रियों के बारे में गलत बयानी कर रहे हैं.
यह गलत परंपरा चलायी जा रही है. मंत्रियों पर गलत टिप्पणी की जाती है तो ऐसे में सदन कैसे चलेगा. एक व्यक्ति को संरक्षण दिया जा रहा है. इधर तेजस्वी प्रसाद यादव सदन का बायकाट करते हुए महागठबंधन सदस्यों के साथ बाहर चले गये.
तेजस्वी के बयान पर सत्ता पक्ष में उत्तेजना बनी रही. भाजपा के नेता नंद किशोर यादव ने विरोधी दल के नेता तेजस्वी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि वे लोग मंत्रियों का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते. विरोधी दल के नेता को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
रही बात राजद शासन काल की तो विरोधी दल के नेता को उस वक्त सरकार के जवाब को देख लेना चाहिए कि कैसे उत्तर दिया जाता था. इधर गृह विभाग के तारांकित प्रश्न का जवाब देने के लिए ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव आये तो आसन पर आरोप लगाया कि विरोधी दल को बैठाते नहीं हैं और मंत्रियों को डांट दिया जाता है.
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Posted By: Utpal Kant