Bihar Politics: बिहार के लिए यह साल महत्वपूर्ण है. इस साल के अंत तक बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. इसको लेकर तमाम पार्टियों ने अपने-अपने हिस्से की तैयारी शुरू कर दी है. वार-पलटवार का दौर जारी है. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी बिहार की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. कन्हैया कुमार ने रविवार को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से पलायन रोको नौकरी दो यात्रा की शुरुआत की. अब इस यात्रा और कन्हैया कुमार की बिहार राजनीति में एंट्री को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. पश्चिम चंपारण के चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को लफुआ और देशद्रोही बताया है. बीजेपी विधायक ने कन्हैया कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ऐसे लोगों को ही अपनी पार्टी में शामिल करती है. इसके अलावा बीजेपी विधायक ने कन्हैया कुमार को चैलेंज देते हुए कहा, “हिम्मत है तो कन्हैया यहां से चुनाव लड़कर दिखाएं, जमानत जब्त करा देंगे.”
बीजेपी विधायक उमाकांत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है, वह पार्टी को क्या मजबूत करेगा. ये देश विरोधी लोग हैं. इनका गांधी के चंपारण में क्या काम है?”
बीजेपी विधायक ने कन्हैया कुमार को बताया लफुआ
दरअसल, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने 16 मार्च से पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से बिहार में कांग्रेस की पलायन रोको नौकरी दो यात्रा की शुरुआत की है. आज इस यात्रा का दूसरा दिन है. इस यात्रा को लेकर जब बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “इस यात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. यात्रा में कन्हैया कुमार के साथ सिर्फ लफुआ चल रहे हैं. उनका कोई जनाधार नहीं है. कन्हैया खुद लफुआ और देशद्रोही हैं. कांग्रेस ऐसे ही लोगों की भर्ती करती है. ये क्या पलायन रोकेंगे, जो खुद राजद के संरक्षण में हैं.”
‘राजद की सरकार में कहां थी ये पलायन यात्रा’
बीजेपी विधायक ने आगे कहा, “चंपारण वो धरती है, जहां महात्मा गांधी को छोड़कर जो भी नेता यहां से अपनी यात्रा किए हैं, वो सफल नहीं हो पाए. इसका कारण है कि चंपारण एनडीए का गढ़ है. इसे कोई कन्हैया भेद नहीं पाएगा. महागठबंधन में कन्हैया की एंट्री होती है राजद और कांग्रेस दो भागों में बंट जाएगा. कांग्रेस उग्रवादी संगठन से तालमेल रखने वाले लोग हैं. ये देश को विभाजन करने की बात करते हैं. ये सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं. ये चाइना को समर्थन देने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी के लोग हैं. जब बिहार में राजद की सरकार थी तो किसी को पलायन की चिंता नहीं थी. उस समय कांग्रेस का समर्थन भी राजद पर था. तब ये पलायन यात्रा कहां थी. अब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है, इनके रहते हर विभाग में हर किसी को नौकरी मिली है.”
20 जिलों से गुजरेगी कांग्रेस की यह यात्रा
बता दें, पश्चिम चंपारण से शुरू हुई कांग्रेस की यह पलायन रोको नौकरी दो यात्रा 14 अप्रैल तक बिहार के 20 जिलों से होकर गुजरेगी. कांग्रेस इस यात्रा के जरिए बीपीएससी पेपर लीक के मुद्दे को उठा रही है. इस यात्रा को बिहार की सियासत में कन्हैया की वापसी के तौर पर देखी जा रही है. यात्रा के पहले दिन कन्हैया कुमार ने कहा कि चुनाव को लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.