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Diwali 2023: दीपावली पर घर को रोशन करेंगे डिजाइनर दीये, विदेशों से मिल रहे ऑर्डर

डिजाइनर कैंडल में इस बार फ्लावर बुके, स्वीट्स बॉक्स, करली, बबल, गुलाब फूल, सूरजमुखी फूल आदि हैं.इस बार गोबर से बने दीये भी लोगों को भा रहे हैं.

जूही स्मिता,पटना

त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है. दीपावली आने में कुछ दिन रह गये हैं. ऐसे में शहर में अंतर ज्योति बालिका विद्यालय, किलकारी समेत महिलाएं और युवा हजारों की संख्या में डिजाइनर दीये और कैंडल तैयार कर रहे हैं. वे कुम्हारों को ऑर्डर देकर दीये तैयार करवाती है फिर अपनी क्रिएटिवी से इसमें डिजाइन बनाती हैं. वहीं डिजाइनर कैंडल में इस बार फ्लावर बुके, स्वीट्स बॉक्स, करली, बबल, गुलाब फूल, सूरजमुखी फूल आदि हैं.इस बार गोबर से बने दीये भी लोगों को भा रहे हैं.

दिव्यांग बच्चियां तैयार कर डिजाइनर कैंडल, विदेशों तक गये ऑर्डर

अंतर ज्योति बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं अपने आप में एक मिसाल है. भले ही ये सभी हम जैसे नहीं है, दिव्यांग है लेकिन इनकी प्रतिभाओं को देख कर आप दंग रह जायेंगे, अलग-अलग विधाओं में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.इस दीपावली यहां की बच्चियां प्लेन से लेकर अलग-अलग आकार की मोमबत्तिया तैयार कर रही हैं. पिछले एक महीने में यहां की 15 बच्चियों ने मिल कर 13 तरह की 10000 से ज्यादा मोमबत्तियां तैयार की है. उनकी ट्रेनर कुमारी रजनी और रेणु कुमारी बताती हैं कि बच्चियों की ओर से बनायी गयी मोमबत्तियां यहां को लोकल स्कूल, हैदराबाद, चंडीगढ़, रांची के अलावा यूएस भेजा जा चुका है.

बच्चे खुद से चाक चलाकर दीप तैयार कर रहे हैं

बिहार बाल भवन किलकारी में इस दीपावली मूर्तिकला, पेंटिंग और क्राफ्ट विधा के 40 बच्चे मिल कर क्रिएटिविटी के साथ दीये तैयार कर रहे हैं. मूर्तिकला के बच्चे प्रशिक्षक प्रमोद कुमार की मदद से चाक से दीये तैयार कर उन्हें वहीं मिट्टी से बने भट्ठे में तैयार कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पेंटिंग विधा के बच्चे इन्हें रंग कर डिजाइनर रूप दे रहे हैं जबकि क्राफ्ट विधा के बच्चे इनकी पैकेजिंग कर रहे हैं. क्राफ्ट विधा की प्रशिक्षक बिंदु कुमारी ने बताया कि बच्चे इस बार तीन आकार में दीप तैयार कर रहे हैं. इनमें मधुबनी पेंटिंग, वर्ली आर्ट, फाइन आर्ट के अलावा अन्य डिजाइन शामिल हैं. 5 दिन पहले से ही बच्चों ने इसे बनाना शुरू किया है. पहले राउंड में 600 दीये तैयार किये जा चुके हैं. दीपावली तक 600 और तैयार हो जायेंगे.इनमें से कुछ दीये शिक्षा विभाग के अलावा अन्य शाखाओं में भेजे जा रहे हैं. वहीं जो इच्छुक है वे किलकारी लगने वाली बिक्री स्टॉल से इन्हें ले सकते हैं. इन दीयो की कीमत 25 और 50 रुपये हैं.

अब तक 40000 टेराकोटा दीया विभिन्न जगहों पर भेजा गया

जय प्रकाश नगर के रहने वाले पुष्कर कुमार बताते हैं कि वे टेरोकोटा का दीया तैयार कर रहे हैं. दीपावली को लेकर डेढ़ महीने पहले से ही इस पर कार्य शुरु कर दिया था. अब तक 80000 टेराकोटा दीया बनकर तैयार है जिसमें यहां को लोकल वेंडर्स से लेकर अलग-अलग जगहों पर 40000 से ज्यादा दीये ऑर्डर पर भेजे जा चुके हैं. इनके पास प्लेन टेराकोटा से लेकर मैट फिनिश के तीन आकार में दीये मौजूद है. इन दीयों की कीमत पर पीस 3,5 और 10 रुपये हैं.

इस दीपावली स्वीट्स कैंडल और बुके फ्लावर की मांग ज्यादा

कंकड़बाग स्थित क्राफ्ट एडज की ऋतिका बताती हैं कि दीपावली में हर बार कैंडल में कुछ खास बनाती हैं. इस बार उन्होंने स्वीट्स कैंडल में विभिन्न वैरायटी के साथ बुके फ्लावर कैंडल तैयार किया है. स्वीट्स कैंडल में लड्डु, बर्फी, काला जामुन, काजु कतली बनाया है. इनके अलावा विभिन्न फ्लेवर के भी कैंडल मौजूद हैं. स्वीट्स कैंडल की कीमत 20 रुपये हैं. वहीं स्वीट्स बॉक्स की कीमत 250 रुपये हैं. बुके फ्लावर कैंडल की कीमत 500 रुपये हैं. तीन महीने पहले से ऑर्डर के लिए काम शुरू कर दिया जाता है. अबतक गुजरात, रायपुर,चंडीगढ़, बैंग्लोर, ओडिशा, यूपी, दिल्ली, बेतिया, बेगूसराय, मधुबनी आदि जगहों पर कैंडल भेजे जा चुके हैं.

मधुबनी और कोन आर्ट की दीये ऑर्डर पर हो रहे तैयार

डाग बंगला चौराहा स्थित द डिजाइन प्वाइंट की सिन्नी सोशिया बताती हैं कि उनकी टीम डेढ़ महीने पहले डिजाइनर दीये बनाने के काम में जुट जाती हैं. मधुबनी पेंटिंग और कोन आर्ट से बने दीये की काफी मांग होती है. हम मिट्टी का 16000 दीये का ऑर्डर पुनपुन गंगा के पार रहने वाले कुम्हार को दिया था. अभी तक 3000 दीये जिसमें सिंपल, आर्ट वर्क और कलरफूल दीये तैयार कर अलग-अलग जगहों पर भेजा जायेगा. इसके अलावा शहर के विभिन्न दुकानों और संस्थानों से भी ऑर्डर मिला हुआ है जिसे हमें दीपावली से पहले पूरा कर लेना है. इन दीयों की कीमत 15 रुपये से लेकर 250 रुपये तक हैं. वहीं दीये से जुड़े हैंपर्स की कीमत 1000 रुपये तक है.

पुनर्वास केंद्र की महिलाएं तैयार कर रही टेराकोटा के दीये

पाटलिपुत्रा स्थित शांति कुटीर महिला पुनर्वास केंद्र में 15 महिलाएं दीपावली को लेकर टेराकोटा के दीये तैयार कर रहे हैं. इनकी प्रशिक्षक मीरा देवी बताती हैं कि तीन महीने पहले से इसे बनाना शुरु किया जाता है. अभी 500 दीये तैयार हुए हैं जिसे डिजानर लुक देने के लिए अलग-अलग रंगों से तैयार किया जा रहा है. दीपावली तक 1000 दीये तैयार हो जायेंगे. यह दीये सक्षम विभाग के अधिकारी, दिशी, विभिन्न एनजीओ और क्लब से खरीदे जाते हैं. दीये की कीमत 20-25 रुपये हैं और जो भी इससे आमदनी होती है यह इन महिलाओं के बैंक के खाते में चले जाते हैं.

ऑर्डर पर तैयार किये गये गोबर के दीय

बिहटा की रहनेवाली बबीता कुमारी ने बताती हैं कि उनके के साथ महिलाओं के समूह की ओर से गोबर से उत्पाद बनाये जा रहे हैं. इन्हीं में से एक उत्पाद गोबर से बने दीये हैं. इन्हें बनाने के लिए गोबर के पाउडर में ग्वारगम पाउंड मिलाकर आटे की तरह गुंद लिया जाता है. छोटी-छोटी लोइयों को दीये के सांचे में डाल कर आकार दिया जाता है. अबतक ऑर्डर पर 4000 दीये तैयार कर लोकल भेजे जा चुके हैं.

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