पटना. नीतीश कुमार के साथ मिलकर तेजस्वी यादव ने बिहार में महागठबंधन सरकार की सरकार बनाई है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दोबारा सरकार में शामिल हुए हैं. प्रदेश की राजनीतिक समीकरण बदल चुका है. लेकिन अभी एक बंगले की खूब चर्चा हो रही है. तेजस्वी यादव को जो सरकारी बंगला आवंटित होना है, उससे महागठबंधन सरकार की स्थिरता को लेकर चिंता और ज्यादा बढ़ गई है.
उप मुख्यमंत्री के लिए पटना के 5-देशरत्न मार्ग का बंगला आवंटित है. इस बंगले में अब तक तारकिशोर प्रसाद रह रहे थे, जो एनडीए सरकार में उप मुख्यमंत्री थे. सरकार जाने के बाद तारकिशोर ने बंगला ही अभी खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये बंगला ही महागठबंधन सरकार के लिए एक चिंता है. कहा जा रहा है कि जो भी इस बंगले में अब तक उप मुख्यमंत्री रहे हैं उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया है.
साल 2015 तेजस्वी यादव पहली बार उप मुख्यमंत्री बने और इसी बंगले में रहे. लेकिन जुलाई 2017 नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली. हालांकि तेजस्वी का इस भव्य और आलिशान बांग्ला से मोह नहीं छूटा. उन्होंने लम्बे अरसे तक बंगला खाली नहीं किया. यहां तक कि इसे लेकर वे सुप्रीम कोर्ट तक गए. सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी पर कोर्ट का वक्त बर्बाद करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद तेजस्वी यादव ने बंगला को खाली कर दिया था.
तेजस्वी के बाद 5-देशरत्न मार्ग का यह सरकारी आवास सुशील कुमार मोदी को अलॉट हुआ. लेकिन कुछ महीने बाद ही भाजपा ने सुशील मोदी को बिहार की राजनीति से दूर कर दिया. उन्हें नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया. सुशील मोदी का इस बंगले में आना उनके राजनीतिक करियर को बड़ा झटका दे गया और वे बिहार से दूर कर दिए गए.
उसके बाद भाजपा ने तारकिशोर प्रसाद को उप मुख्यमंत्री बनाया. अब तक 5-देशरत्न मार्ग बंगला में तारकिशोर ही रह रहे थे. अचानक से इसी महीने नीतीश कुमार ने नाटकीय घटनाक्रम में एनडीए से अलग होने का फैसला किया. उन्होंने अब फिर से राजद और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली. इस कारण तारकिशोर प्रसाद को अब इस बंगले को खाली करना पड़ रहा है. पांच साल के अन्तराल पर 3 उप मुख्यमंत्री इस बंगले में रहते हुए अपनी कुर्सी गँवा चुके हैं. ऐसे में अब तेजस्वी यादव के लिए आवंटित ये बंगला चिंता बढ़ा दी है.