BJP नेताओं के शराबबंदी पर बयान से बढ़ा बिहार का सियासी पारा, JDU ने कहा- सहयोग करें सवाल उठाने वाले

सीतामढ़ी (Sitamarhi encounter) में शराब तस्‍करों से मुठभेड़ में एक दारोगा की मौत के बाद शराबबंदी को लेकर बिहारी का सियासी (Bihar Politics) पारा बढ़ा हुआ है. विपक्षी दलों के लगातार हमलों के बीच अब भाजपा नेताओं (BJP Leaders) ने भी नीतीश सरकार (Nitish Kumar Govt) से शराबबंदी की समीक्षा कराने की मांग की है. पहले भाजपा एमलएसी (BJP MLC) संजय पासवान ने शराबबंदी पर पुनर्विचार की नसीहत दी तो वहीं बाढ़ से भाजपा विधायक (BJP MLA) ने ज्ञानेंद्र ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) ने बिहार में शराबबंदी (Bihar Me Sharab bandi)को विफल बता दिया. हालांकि जदयू (JDU) ने इसका जवाब देने में देर नहीं लगाई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2021 2:55 PM

सीतामढ़ी (Sitamarhi encounter) में शराब तस्‍करों से मुठभेड़ में एक दारोगा की मौत के बाद शराबबंदी को लेकर बिहारी का सियासी (Bihar Politics) पारा बढ़ा हुआ है. विपक्षी दलों के लगातार हमलों के बीच अब भाजपा नेताओं (BJP Leaders) ने भी नीतीश सरकार (Nitish Kumar Govt) से शराबबंदी की समीक्षा कराने की मांग की है. पहले भाजपा एमलएसी (BJP MLC) संजय पासवान ने शराबबंदी पर पुनर्विचार की नसीहत दी तो वहीं बाढ़ से भाजपा विधायक (BJP MLA) ने ज्ञानेंद्र ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) ने बिहार में शराबबंदी (Bihar Me Sharab bandi)को विफल बता दिया. हालांकि जदयू (JDU) ने इसका जवाब देने में देर नहीं लगाई.

.जद यू नेताओं ने भी कहा कि बिहार सरकार और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर काफी गंभीर हैं. शुक्रवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी नहीं है. हालांकि उन्होंने इसके लिए कुछ पुलिस और माफियाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वो लोग अवैध रुप से बिहार में शराबबंदी को सफल होने नहीं दे रहे हैं.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस ईमानदारी के साथ पुलिस वालों को इस कार्य में लगना चाहिए वो उतने ईमानदार नहीं हैं. कहा कि बिहार सरकार को एक संशोधन करना चाहिए कि शराबबंदी कानून में पुलिस की टीम को शामिल न करके उत्पाद विभाग के साथ एक पुलिस की विशेष टीम बनानी चाहिए. उस टीम में थाने की पुलिस को शामिल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि थाना पुलिस को शराब के अवैध कारोबार से निपटने की जिम्मेदारी से मुक्त रखा जाए. क्योंकि वो लोग न तो शराबबंदी को पूरी तरह से सफल बना रहे हैं और न ही क्राइम कंट्रोल कर पा रहे हैं.

इससे पहले भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने सीतामढ़ी मुठभेड़ को लेकर न सिर्फ शराबबंदी पर पुनर्विचार की जरूरत बताई बल्कि गृह विभाग के कामकाज पर सवाल भी उठा दिया था. उन्‍होंने इशारों ही इशारों में गृह सचिव पर निशाना साधते हुए कहा था कि गृह सचिव हमारे मित्र हैं, लेकिन उनसे गृह विभाग नहीं संभल रहा है. जिस तरह से घटनाएं घट रही हैं उन्हें खुद से पद से हट जाना चाहिए.

Bihar News: JDU ने कही यह बात

शराबबंदी पर भाजपा नेताओं ने बयान दिया तो जदयू नेताओं ने प्रतिक्रिया दी. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कौन क्या बोलता है इस पर मुझे नहीं जाना है. शराबबंदी पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग शराबबंदी के खिलाफ बोलते हैं हमलोग तो उनसे भी पूछते हैं कि बताएं कहां शराब का कारोबार हो रहा है.

लोग कोई सूचना तो देते नहीं हैं. कोई सरकार को सहयोग नहीं देता. सरकार ने एक नियम बनाया है. इसमें तो सबलोग साथ थे. ऐसा तो नहीं है कि कोई खिलाफ थे. सबकी सहमति से यह कानून बना है. इसको प्रदेश में मजबूती से लागू कराने के लिए सरकार काम कर रही है. कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर पूरी तरह से गम्भीर हैं और इसमें किसी तरह से समझौता नहीं कर सकते है. बयान देने वालों का अपना निजी विचार हो सकता है, लेकिन बिहार में मजबूती से शराबबंदी पर काम हो रहा है. बिहार में शराबबंदी पर सियासी पारा बढ़ने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

Posted By: Utpal Kant

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