राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, देखिए मित्रों मैं तो बिस्कोमान के अध्यक्ष के रूप में झूठी ही सही, लेकिन ईमानदारी की ख्याति तो प्राप्त कर लिया हूं, पर मेरे नाक के ठीक नीचे और अगल- बगल में अंगुलीमाल डाकू और डाकू खड्ग सिंह जैसे कुख्यात पदाधिकारी बैठे हैं. फिर भी चाहे जो कुछ भी हो मैं तो ईमानदार हूं न? इसके साथ ही सुनील कुमार सिंह ने जदयू कोटे से भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के बारे में कहा वे सबसे बड़े दलबदलू हैं. लालू प्रसाद नहीं होते तो वे जेल में होते. सुनील सिंह ने कहा कि अशोक चौधरी ऐसे नेता हैं जो कई घाट का पानी पी चुके हैं.
राजद के सुनील सिंह के बयान पर जदयू प्रवक्ता मंजीत सिंह ने कहा कि महागठबंधन का मतलब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव हैं. उन्होंने सुनील सिंह को बयानवीर बताते हुए कहा कि ऐसे बयान देकर वे केवल चर्चा में बने रहना चाहते हैं. ऐसे लोगों की वजह से महागठबंधन की एकता में कमी नहीं आयेगी. मंजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की समस्या को मुख्यमंत्री की पहल के बाद सुलझा लिया गया है.
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भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने सुनील सिंह के बयानों को तरजीह नहीं देने की बात कही थी. अशोक चौधरी ने कहा था कि हम सिर्फ लालू यादव और राबड़ी देवी को जानते हैं. सुनील सिंह जैसे नेताओं के बयान का कोई मतलब नहीं है.
जदयू के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह ने राजद एमएलसी सुनील सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी भी नेता को सीएम नीतीश कुमार पर बोलने से पहले हैसियत को देखने की जरूरत है. अरविंद कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह ने कहा कि पहले बिहार कहां खड़ा था, यह सारा देश ही नहीं दुनिया जानती है.आज बिहार कहां है और किन परिस्थितियों में है यह भी देश दुनिया को पता है. कभी बिहार और बिहारी को लोग सुनना और देखना नहीं चाहते थे, लेकिन वर्तमान समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में बिहार और बिहारी सम्मान और स्वाभिमान के परिचायक हैं. विकास की सड़क पर सरपट दौड़ते बिहार में सामाजिक न्याय के साथ विकास की बहार है.यही बिहार कभी लाचार था.