मुंबई में विपक्षी एकता (I.N.D.I.A) की 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले संयोजक पद को लेकर सियासी हलचलें तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने I.N.D.I.A गठबंधन के संयोजक पद को लेकर एक बड़ी बात कही है. मंगलवार को जदयू कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने बार-बार कहा है कि ‘संयोजक की बात हो या नेता’ की,सभी निर्णय समय पर लिए जाएंगे. हम लोग जो भी फैसला लेंगे आपको समय पर उसकी सूचना दे देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव में हमें बहुमत दीजिए, बिना किसी परेशानी के नेता चुनकर बता देंगे. बताते चलें कि सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था कि हमको न कुछ बनना है, न हमको कुछ नहीं चाहिए. हमारा बस एक ही लक्ष्य है, सबको साथ लेकर चलने का.
#WATCH हमने बार-बार कहा है कि चाहे संयोजक की बात हो या नेता की, सभी निर्णय समय पर लिए जाएंगे और आपको बताया जाएगा… चुनाव में हमें बहुमत दीजिए, बिना किसी परेशानी के नेता चुनकर बता देंगे: INDIA गठबंधन की अगली बैठक से पहले बिहार के मंत्री और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी pic.twitter.com/19HeVIYL5s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 29, 2023
बिहार के मंत्री और जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को गठबंधन का संयोजक कौन बनेगा जैसे अहम सवाल मीडिया से चुटकी लेते हुए कहा कि आप बहुमत दिला दें, हम संयोजक बना लेंगे. इससे पहले उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमें चुनाव में बहुमत दीजिए, बिना किसी परेशानी के नेता चुनेंगे और आपको बताएंगे. सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है. अभी कौन-कौन लोग आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल होंगे, यह कहना ठीक नहीं है. यह पता चल जाएगा कि और कौन लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि लोकसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकता है.
वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा है कि भाजपा साजिश रचकर जातीय गणना को बाधित करना चाहती है. भाजपा का वास्तिवक चेहरा बेनकाब हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जातीय गणना मामलों से जुड़ा दायर हलफनामा हास्यास्पद और बिहार की गरीब जनता के हितों के बिल्कुल विपरीत है. बिहार की सर्वदलीय बैठक में भाजपा नेताओं ने जातीय गणना के पक्ष में सहमति दी थी. अब उनके सहमति के नीयत पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है. विजय चौधरी ने बिहार भाजपा के नेताओं से पूछा कि वे लोग सही हैं या हलफनामे दाखिल करने वाली केंद्र सरकार सही है? मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यह बातें मंगलवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहीं.
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जातीय गणना के मामला पर उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक सुनवाई चलती रही है. विभिन्न माध्यमों से कुछ लोग जनहित याचिका दायर कर जातीय गणना को बाधित करना चाहते थे. पटना उच्च न्यायालय जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया. इसके खिलाफ याचिका दायर करने वाले लोग सर्वोच्च न्यायालय गये. जब ऐसा लग रहा था कि सर्वोच्च न्यायालय जातीय गणना के अनुकूल फैसला देगी तब केंद्र सरकार अंतिम समय में उसमें कूद गई.
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार अर्थिक और सामाजिक स्थिति की वास्तविकता जानने के लिए जातीय गणना और सर्वेक्षण करवा रही है. यह जनगणना नहीं है. केंद्र सरकार के ही सांख्यिकी संग्रहण अधिनियम- 2008 के तहत राज्य सरकारों को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपने क्षेत्र में जनता के सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आंकलन करने के लिए सर्वेक्षण का काम करवा सकती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशील और ईमानदार नहीं है. जो जनगणना 2021 में होनी थी, वह 2023 के आठ महीनों तक भी शुरू नहीं हुई संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी और प्रदेश महासचिव अरुण कुमार सिंह भी उपस्थित थे.