Bihar Politics: जदयू (JDU) के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi yadav) पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार (Bihar) की जनता का कीड़ा मकोड़ा तो आप लोग समझते थे. तभी तो एक दिन में पांच-पांच दर्जन हत्याएं हो जाती थी. आप लोगो के शासनकाल में जान की कोई कीमत नहीं थी.
कहा कि कुछ तस्वीर है जो लालू-राबड़ी के शासन काल में काफी चर्चा में रही थी. वह तस्वीर इतनी भयावह थी की आज भी लोगो की रूह कांप जाते हैं. 18 मार्च 1999 को सेनारी नरसंहार हुआ था और उस समय आपके माता – पिता संयुक्त रूप से सरकार चलाते थे.
जदयू प्रवक्ता ने लालू-राबड़ी शासनकाल में हुए नरसंहारों की फेहरिस्त जारी करते हुए बताया है कि सेनारी नरसंहार जो 18 मार्च 1999 जहानाबाद के सेनारी में हुआ था उसमें 34 लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया था. बारा गांव नरसंहार, लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार, शंकर बिगहा नरसंहार, बथानी टोला नरसंहार, मियांपुर नरसंहार, ये नरसंहार दर्जनों में नहीं सैकड़ो में हुए थे. लालू – राबड़ी शासनकाल में 1994 से 2005 के बीच पुलिस हिरासत में कुल 86 मौतें हुई. आंकड़े राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हैं. इन 86 मौत का जिम्मेवार किसे माना जाये? तेजस्वी यादव इस पाप से अपने आपको कभी मुक्त नहीं कर सकते है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर पर सवाल उठाये हैं. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की इतनी बदहाल स्थिति है कि अपराधी बेखौफ हैं. आम जनों को बेधड़क और निर्ममता से मारा जा रहा है. लग ऐसा रहा है कि जैसे सरकार इन अपराधियों के सामने समर्पण कर चुकी है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कैबिनेट और गठबंधन के नेता इस मामले में बेहद उदासीन और निराशाजनक रवैया अपनाये हुए हैं. यही वजह है कि उनके अधीनस्थ प्रशासनिक और पुलिस अफसर उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. यह स्थिति आपराधिक तत्वों के लिए उपयोगी साबित हो रही है.उन्होंने यह बातें अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए विभिन्न अापराधिक घटनाक्रमों की रिपोर्ट भी साझा की हैं. कुछ इसी तरह की बातें राष्ट्रीय जनता दल के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी साझा की गयी हैं.
Posted By: utpal kant