पटना. वीआइपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हम किसी के अनुकंपा पर मंत्री या एमएलसी नहीं बने हैं. इसलिए एमएलसी पद से हम इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी से समझौता कर एनडीए ने बिहार में निषाद का वोट लिया और सत्ता में आये. लेकिन आज मुझे ही रावण बनाने पर तुले है. जब हम गठबंधन में शामिल हो रहे थे, तो उस वक्त मुझे आश्वासन दिया गया था. उस बकाया को भाजपा पूरा करे और अगले छह साल के लिए एमएलसी पद के लिए रिन्यूबल करें. अगर ऐसा नहीं होगा तो चुनाव में इसका बदला हमारा समाज लेगा.
सहनी ने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है, लेकिन उसने मेरी पार्टी का विलय कराने के मुझे बदनाम किया जा रहा है. हमारी कोई डील नहीं हुई थी कि वीआइपी का विलय भाजपा में होगा. लेकिन मुझे जरूर आश्वासन मिला था कि सांसद और 2025 में मुख्यमंत्री भी बनायेंगे. अगर भाजपा आरक्षण देने के लिए राजी हो जायेगी, तो हम अपनी पार्टी को उनके हाथों में ऐसे ही सौंप देंगे, लेकिन मुझे डराकर या लोभ देकर कोई कुछ नहीं करा सकता है. इसके साथ ही मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा निषाद समाज को आरक्षण दे दे मैं अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर हरिद्वार चला जाऊंगा और कीर्तन करूंगा.
मुकेश सहनी ने कहा कि हमने कभी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या यूपी के मुख्यमंत्री के लिए अपशब्द नहीं कहा है. अगर कोई व्यक्ति इसे सत्य करा देगा, तो हम एक लाख जुर्माना देंगे. भाजपा की ओर से लगाये गये सभी आरोप गलत है. इन लोगों ने मुझे कभी काम करने तक नहीं दिया. जिसको लेकर हमने जून 2021 में ही दो दो बार पीत पत्र लिखा. अब हम इसी पत्र को लेकर अगले माह से गांव-गांव जायेंगे और लोगों के समक्ष पूरी घटना को पूरे विस्तार से रखेंगे.