Bihar Politics: मोकामा में बोले मुकेश सहनी, निषादों को आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं
Bihar Politics मुकेश सहनी अपनी यात्रा के दौरान अपने लोगों को गंगा जल हाथ में लेकर निषाद आरक्षण के लिए संघर्ष करने तथा अपनी पार्टी वीआईपी को मजबूत करने का संकल्प भी दिला रहे हैं.
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी आज निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में मोकामा पहुंचे. दीदारगंज से शुरू हुई आज की यात्रा का जगह जगह लोगों ने स्वागत किया. यहां पर मुकेश सहनी ने कहा कि निषादों को आरक्षण नहीं दिया गया तो हम उन्हें अपना वोट भी नहीं देंगे.
मुकेश सहनी बुधवार को अपनी संपल्प यात्रा के क्रम में मोकामा पहुंचे थे. यहां पर क्षेत्र की कुछ महिलाओं ने उनके चार करोड़ की बस का अवलोकन किया और कुछ दूर तक सफर भी किया. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यात्रा जहां से गुजर रही है हर जगह एस प्रकार की स्थिति बन रही है. उन्होंने दावा किया कि लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है. बुधवार की सुबह में दीदारगंज से यह यात्रा शुरू हुई थी. इस यात्रा का बांसताल, सबलपुर, गुलामहिया चक, फतेगंजपुर, सतिचौड़ा, महारानी चौक, फुलवाडिया बिंद टोली, मोसिमपुर, ग्यासपुर चौक, लक्खीपुर, चंपापुर में स्वागत किया गया
पुरुष, महिला सहित बड़ी संख्या में युवा चिलचिलाती धूप में मुकेश सहनी का इंतजार करते रहे. देव ज्योति ने कहा जैसे ही सहनी पहुंचे उनका स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया. महिलाओं ने सहनी के स्वागत में गीत भी गाए, जिसकी तर्ज पर सहनी ने भी ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया.
सहनी अपनी यात्रा के दौरान अपने लोगों को गंगा जल हाथ में रखकर अपने आराध्य और पूर्वजों को साक्षी मानकर बच्चो को पढ़ाने और निषाद आरक्षण के लिए संघर्ष करने तथा अपनी पार्टी वीआईपी को मजबूत करने का संकल्प भी दिला रहे हैं. सहनी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि निषाद आरक्षण नहीं तो गठबंधन भी नही होगा. उन्होंने कहा कि समझौता होगा तो अपनी शर्तों पर होगा. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि देश में एक संविधान है, एक पीएम है, एक गृह मंत्री हैं तो फिर निषादों को एक राज्यों में आरक्षण मिल रहा है तो बिहार, यूपी और झारखंड में क्यों नहीं.
उन्होंने साफ लहजे में चुनौती देते हुए कहा कि हमलोग मछली मारने वाले हैं लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि भगवान श्रीराम को भी हमने ही गंगा पार कराया था. उन्होंने लोगों में जोश भरते हुए कहा कि जब एक निषाद का बेटा बिहार से निकलकर मुंबई में अपने संघर्ष की बदौलत झंडा गाड़ सकता है तो बिहार में अगर हमलोग एक जुट हो जाएं तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.