Bihar Politics: बिहार में आज फिर बदलेगी सत्ता, एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार
Bihar Politics बिहार में पिछले शुक्रवार से जारी सियासी उठापटक तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रही. शनिवार को घटनाक्रम तेजी से बदला. रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना आने की संभावना है.
बिहार में सत्ता समीकरण बदलने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर (नौवीं बार) प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. 2014 से लेकर अब तक यह उनकी छठी बार ताजपोशी होगी. सूत्रों की मानें तो इस नये समीकरण की पूरी पटकथा लिख दी गयी है. उसके अमल में लाने के जो विधायी तरीके होते हैं, उसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
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बिहार में सत्ता की तीन बड़ी धुरी हैं, इनमें कोई दो के एक तरफ आ जाने से सरकार का समीकरण बदल जाता है. इससे पहले 10 अगस्त, 2022 को राजद-जदयू और कांग्रेस की मिली जुली सरकार बनी थी. इस सरकार के भी मुखिया नीतीश कुमार ही रहे. अब एक बार फिर बिहार की राजनीति करवट ले रही है. सूत्रों की बात पर भरोसा करें, तो बदली हुई परिस्थिति में भी सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ही बने रहेंगे. बाकी दूसरे पदों में बदलाव होगा. रविवार को तस्वीर साफ हो जाएगी.
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बिहार में पिछले शुक्रवार से जारी सियासी उठापटक तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रही. शनिवार को घटनाक्रम तेजी से बदला. रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना आने की संभावना है. देर शाम जदयू ने विधायकों को अपने आवास पर बुलाया. इससे पहले दोपहर में तेजस्वी यादव के आवास पर राजद के विधायक दल की बैठक हुई. इसमें लालू यादव को पार्टी के आगे के फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया.
उधर, भाजपा दफ्तर में भी विधायक दल की बैठक हुई. वहीं, पूर्णिया में कांग्रेस की बैठक में आधे विधायक नहीं पहुंचे. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि पूर्णिया में पार्टी की विधायक दल की बैठक नहीं हो रही है. रैली की तैयारी को लेकर बुलायी गयी बैठक में कुछ विधायक आने बाकी हैं. इस बीच, राजद के राज्यसभा सांसद ने कहा कि अब जेडीयू और आरजेडी का रिश्ता टूट गया है.
लंबे समय तक जदयू और भाजपा ने साथ किया है काम
दरअसल, इस कहानी की नींव 2020 के विधानसभा चुनाव में ही पड़ गयी थी, जब तीन बड़े दल उभर कर सामने आये थे. जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बनी, जबकि राजद पहले और भाजपा दूसरे नंबर पर रही. विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 का जादुई आंकड़ा किसी एक दल के पास नहीं आया. लिहाजा, चुनाव पूर्व गठबंधन के आधार पर जदयू और भाजपा की सरकार बनी. नीतीश कुमार सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. भाजपा ने कम विधायक होने के बावजूद नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन कुछ शर्तें लगा दीं. बिहार में 2005 से ही नीतीश-सुशील मोदी की जोड़ी काम करती रही थी.
दोनों ही लीडर और दलों में आपसी सामंजस्य भी बना रहा. लेकिन, 2020 में भाजपा ने सुशील मोदी को बिहार से बाहर खींच लिया. उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया और सरकार में नये नेताओं को उभारा गया. इसी कड़ी में विजय कुमार सिन्हा को स्पीकर की कुर्सी दी गयी और दो अति पिछड़े नेता रेणु देवी व तारकिशोर प्रसाद को उप मुख्यमंत्री बनाया गया. करीब डेढ़ साल तक यह सरकार ठीक से चली. लेकिन, 2022 में जून आते-आते भाजपा और जदयू के बीच खटास दिखने लगा. अगस्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना रास्ता अलग कर लिया.
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उन्हें 79 विधायकों वाले राजद का साथ मिला. भाजपा का साथ छोडने पर जदयू को 19 विधायकों वाली कांग्रेस और 16 विधायकों वाले वामदलों का भी साथ मिला. एक निर्दलीय सुमित सिंह भी उनके साथ आये. कुल मिला कर सदन में 127 सदस्यों का समर्थन मिला. नीतीश कुमार एक बार फिर आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
24 साल पहले नीतीश पहली बार बने थे मुख्यमंत्री
24 साल पहले तीन मार्च, 2000 को नीतीश कुमार ने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, उनकी यह सरकार सात दिनों तक ही चल पायी. बहुमत का जुगाड़ नहीं हो पाने के कारण उन्होंने 10 मार्च, 2000 को इस्तीफा दे दिया. दूसरी बार वे पूरे बहुमत के साथ नवंबर 2005 में एनडीए सरकार के मुखिया बने. तीसरी बार पांच साल बाद हुए 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए एक बार फिर भारी बहुमत से सत्ता में आया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
नीतीश कुमार का अब तक का कार्यकाल
पहला कार्यकाल – तीन मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000
दूसरा कार्यकाल – 24 नवंबर, 2005 से 25 नवंबर, 2010
तीसरा कार्यकाल – 26 नवंबर, 2010 से 19 मई, 2014
चौथा कार्यकाल – 22 फरवरी, 2015 से 19 नवंबर, 2015
पांचवां कार्यकाल – 20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई, 2017
छठा कार्यकाल – 27 जुलाई, 2017 से 12 नवंबर, 2020
सातवां कार्यकाल – 16 नवंबर, 2020 से नौ अगस्त, 2022
आठवां कार्यकाल – 10 अगस्त, 2022 से अब तक