Bihar Assembly by-Election: बिहार में 30 अक्तूबर को कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव की तस्वीरें साफ हो रही हैं. एक ओर एकजुट एनडीए अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त चल रहा है, वहीं दूसरी ओर एनडीए विरोधी खेमे से राजद, कांग्रेस के साथ-साथ लोजपा (रामविलास) के भी उम्मीदवार मैदान में कूद पड़े हैं. दोनों सीटों पर मुख्य मुकाबला जदयू और राजद के बीच दिख रहा है. फिलहाल एनडीए को बिखरे महागठबंधन से ताकत मिलने की उम्मीद है.
वहीं, राजद और कांग्रेस के अलग-अलग उम्मीदवार होने से महागठबंधन के वोटरों में संशय की स्थिति है. हालांकि, मतदान होने में अभी 22 दिन बाकी हैं. ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि करीब आती जायेगी, दोनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता खुलने लगेंगे. तारापुर और कुशेश्वरस्थान की सीटें जदयू के पास रही थीं. कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस व तारापुर में राजद दूसरे नंबर पर था. कुशेश्वरस्थान में जदयू से मंत्री संजय झा ने प्रचार की कमान संभाली है.
जदयू ने दिवंगत विधायक शशिभूषण हजारी के पुत्र अमन हजारी को उम्मीदवार बनाया है. जदयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे और उनके कार्यों के अलावा पिछड़े, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक समेत सवर्ण मतदाताओं पर भरोसा है. यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ अशोक कुमार के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री बालेश्वर राम के पौत्र अतिरेक कुमार को उम्मीदवार बनाया है. राजद ने मुसहर जाति के गणेश भारती पर दांव लगाया है. लोजपा (रामविलास) ने जदयू उम्मीदवार की स्वजातीय अंजू देवी को उम्मीदवार घोषित किया है.
तारापुर सीट पर हार-जीत का फैसला कुशवाहा और वैश्य वोटर करेंगे. जदयू ने कुशवाहा, तो राजद ने वैश्य जाति के उम्मीदवार को उतारा है. जदयू को कुशवाहा के अलावा सवर्ण, अति पिछड़े व पिछड़े मतदाताओं पर उम्मीद है. यहां पार्टी के दर्जन भर से अधिक नेता कैंप कर रहे हैं.
राजद को अपने उम्मीदवार के सहारे एनडीए के वैश्य मतदाताओं के बीच सेंधमारी की उम्मीद है. वहीं माय समीकरण के वोटरों को भी वह अपने साथ मान कर चल रहा है. सवर्ण वोटरों पर कांग्रेस के राजेश मिश्रा और लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवार की भी नजर टिकी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha