Bihar Politics News: राजद के प्रथम परिवार में अंतर्विरोध गहरा गया है. मुद्दा है पिता का वारिस कौन? दरअसल राजद सुप्रीमो के दोनों बेटे बिना किसी का नाम लिये बगैर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. जिस तरह राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अपने पिता को बंधक बनाने का आरोप लगाया, उसी अंदाज में छोटे बेटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उनके बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मेरे पिता का व्यक्तित्व ऐसा नहीं कि कोई उन्हें बंधक बना ले.
दूसरी तरफ, तेज प्रताप के बयान आने के बाद संभावना जतायी जा रही है कि लालू प्रसाद 22 या 23 अक्तूबर को पटना आ सकते हैं. पार्टी के अंदुरुनी मामले को ठीक-ठाक करने के साथ ही वे यहां उप चुनाव में राजद प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार भी कर सकते हैं. राजद के जानकारों के मुताबिक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पार्टी के अंदर चल रही बयानबाजी को गंभीरता से लिया है.
वरिष्ठ नेता दिनभर करते रहे विचार-विमर्श
दरअसल लालू प्रसाद के बंधक बनाये जाने से जुड़े तेज प्रताप यादव के बयान की गूंज दिल्ली तक भी पहुंची. इसके बाद राजद सुप्रीमो सक्रिय हो गये. लालू प्रसाद ने संदेश भिवजा दिया कि वे पटना आना चाहते हैं. दरअसल, तेज प्रताप के बयान के बाद राजद के वरिष्ठ नेताओं के बीच रविवार को दिन भर माथा पच्ची चलती रही.
जानकारों के मुताबिक पार्टी ने माना कि अब संदेश देना ही होगा कि लालू प्रसाद दिल्ली में किसी के नियंत्रण में नहीं हैं. अंतत: पारिवारिक सिपहसालारों ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को परामर्श दिया कि उप चुनाव के दौर में पटना आने का मौका भी है. उनके आने से उनके बंधक होने की खबर का खुद भी खंडन भी हो जायेगा.
सियासी जानकारों के मुताबिक अगर लालू प्रसाद जल्दी ही पटना नहीं आते हैं, तो तेज प्रताप की बातों को बल मिल सकता है. इन परिस्थितियों में लालू प्रसाद के आने की संभावना बनी है. हालांकि, औपचारिक तौर पर उनके आने की घोषणा होना बाकी है.
इधर, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने रविवार को दिल्ली से लौटते ही तेज प्रताप पर पलटवार किया कि लालू प्रसाद का बंधक होना, उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाता. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि लालू प्रसाद लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. देश के रेल मंत्री रहे. उन्होंने दो-दो प्रधानमंत्री बनवाये.
यही नहीं, लालू प्रसाद ने ही आडवाणी जैसे नेता को गिरफ्तार करवाया था. इसलिए बंधक वाली बात उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाती है. मालूम है कि विधायक तेज प्रताप ने शनिवार को छात्र जनशक्ति के मंच से अपनी पार्टी के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन लोगों ने लालू प्रसाद को बंधक बना रखा है. कुछ लोगों की मंशा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha