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Bihar Politics: बिहार में BJP के वरिष्ठ नेता ने बढ़ाई सियासी हलचलें, बाले- ओबीसी का समय खत्म, अब दलित बनेगा सीएम

Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि कि कांग्रेस ने 12 जातियों को मुख्यमंत्री पद पर मौका दिया. अब बिहार में नेतृत्व परिवर्तन कर दलितों को मौका देना चाहिए. वर्तमान राजनीति और समय की मांग है.

By Radheshyam Kushwaha | September 1, 2024 8:37 PM

Bihar Politics: बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान की एक बयान ने सियासी हलचलें बढ़ा दी है. उन्होंने बिहार की राजनीति को नई हवा दे दी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने कहा है कि बिहार में ओबीसी मुख्यमंत्री का समय समाप्त हो गया, अब दलित समाज से मुख्यमंत्री बनना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने एक टीवी चैनल से बातचीत में यह मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है. सबको मौका मिला है, लेकिन अब दलितों को भी मौका मिलना चाहिए.

बिहार में जातिवाद की राजनीति

बिहार में विधानसभा चुनाव में लगभग एक साल का वक्त है, लेकिन अभी से राजनीतिक वातावरण में जातिवादी शोर फैलनी शुरू हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से लेकर जातिवाद की राजनीति करने वाले नेता तक अपनी तिकड़म भिड़ाने में लग गए हैं. जहानाबाद में 29 अगस्त 2024 को अशोक चौधरी ने भूमिहार समाज पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दिया, पार्टी उनको जगह नहीं देगी. जातिवाद की राजनीति JDU नेता एवं बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के बयान के बाद पूरी तरह लपटों में फैल चुकी है. अशोक चौधरी ने जिस तरह भूमिहार समाज पर निशाना साधा, वह एक सुनियोजित प्रक्रिया दिख रही है.

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जातिवादी राजनीति की खुलेआम चर्चा

अशोक चौधरी के इस बयान के बाद बिहार में जातिवादी राजनीति की खुलेआम चर्चा होने लगी है. अशोक चौधरी के बयान का ना सिर्फ विपक्षी दलों ने बल्कि उनकी पार्टी के सहयोगी दल के नेताओं ने आलोचना की.अशोक चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए सहयोगी दल भाजपा से बिहार में मंत्री एवं भूमिहार समाज से आने वाले विजय सिन्हा ने कहा है कि ‘भूमिहार एक जाति नहीं, एक कल्चर है. वह कल्चर भूमि से जुड़ने का, जमीन पर रहने का और जमीनी हकीकत जानने की ताकत आज भी किसी को है तो वह जो जमीन से जुड़ा है, उसी को है. जाति की राजनीति करने वाले ना जमात के हितैषी हैं और राष्ट्र के हितैषी हैं.

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