Bihar politics नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात पर बिहार में सियासी हलचलें तेज, जानिए क्यों हो रही चर्चा
Bihar politics नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. नीतीश कुमार इस मुलाकात के बाद कहा कि कोई प्यार से बुलाएगा तो जाना ही पड़ेगा.
राजेश कुमार ओझा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. शुक्रवार को तेजस्वी यादव के निमंत्रण पर सीएम नीतीश कुमार राबड़ी आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे. सीएम के इफ्तार पार्टी में पहुंचते ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई. राजनीतिक पंडित इसे बिहार में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखना शुरु कर दिया. हालांकि नीतीश कुमार ने ऐसी चर्चा पर कहा कि इसपर कोई राजनीतिक कयास नहीं लगायी जानी चाहिए. कोई अगर सम्मान से बुलायेगा तो जाना ही पड़ेगा.
दरअसल, लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि हम “सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी नीतीश जी से सीक्रेट बात हुई है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमने नीतीश कुमार के लिए पहले जो नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था उसे हटाकर अब अपनी पार्टी में एंट्री दे दी है. वे अब राजद के साथ मिलकर बिहार में एक नई सरकार बनायेंगे. तेजप्रताप के इस बयान के बाद बिहार में तेजी से सियासी हलचलें बढ़ गई.
नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात क्यों चर्चा में है
1. वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव में शामिल होने के लिए अमित शाह शनिवार को बिहार पहुंचे. लेकिन, खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में CM को आमंत्रित नहीं किया गया था. इसपर बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम भाजपा का था. इसलिए सीएम को निमंत्रण नहीं दिया गया था.
2 . BJP के बड़बोले नेताओं के बयान से सीएम नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं. नीतीश कुमार भले ही अभी BJP के सहारे बिहार में सरकार चला रहे हैं, लेकिन, बीजेपी नेताओं की ओर से किए जा रहे हमले से साफ लग रहा है कि बिहार में सब कुछ ठीक नहीं है. धर्मनिरपेक्षता को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान नीतीश कुमार अक्सर असमंजस डाल देता है.
3. अंदरखाने की मानें तो नीतीश कुमार बिहार से अब रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, लेकिन वे दिल्ली में सम्मानजनक पोस्ट भी चाहते हैं. वे अपनी मंशा को भाजपा के सामने रख चुके हैं. भाजपा ने अभी तक कोई बात नीतीश कुमार से नहीं की है. इसलिए वह राबड़ी आवास पहुंचकर भाजपा को दिखाना चाहते हैं कि उनके सामने भी ऑप्शन है.