राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर अब बिहार की राजनीति (Bihar politics) में खुद जोर आजमाइश करेंगे. सोमवार को उन्होंने जब इसका ऐलान किया तो बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. राजनीतिक दलों की ओर से भी इसपर प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई है. इधर, प्रशांत किशोर के राजनीति में प्रवेश करने के कयासों के बीच सीएम नीतीश कुमार ने भी इससे दूरी बना ली है. मंगलवार को जब नीतीश कुमार ईद के मौके पर पटना के गांधी मैदान मैं पहुंच कर सभी को ईद की बधाई दे रहे थे तो मीडिया के लोगों ने पीके को लेकर जब उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वे इसपर कोई जवाब नहीं दिया.
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— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) May 3, 2022
सीएम नीतीश कुमार से मंगलवार को जब पत्रकारों ने पूछा कि प्रशांत किशोर अब खुद की पार्टी बनाने जा रहे हैं. इसपर नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कुछ बोलने से इंकार करते हुए कहा इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं. इसका कोई मतलब नहीं. इन बातों को छोड़िए. बताते चलें कि प्रशांत किशोर 2015 के विधानसभा चुनाव में ना सिर्फ नीतीश और जेडीयू के लिए प्रमुख रणनीतिकार थे बल्कि बाद के दिनों में जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाए गए थे. प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार के सबसे खास माने जाते रहे हैं. दोनों की नजदीकियां जग जाहिर हैं.
प्रशांत किशोर के पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल होने और कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने की चर्चा थी. उनकी सोनिया गांधी के साथ कई दौर के बातचीत भी हुई थी. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए पावर प्रेजेंटेशन भी दिया था. लेकिन जब बात नहीं बनी तो प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल नहीं होने की घोषणा कर बिहार में एक नई शुरुआत करने की बात कह डाली. कयास लगाया जा रहा है कि प्रशांत किशोर बिहार में नई पार्टी बनाकर एक नई शुरुआत कर सकते हैं.