बिहार में भी कांवड़ रूट के भोजनालयों में नाम वाले बोर्ड पर गरमायी सियासत, भाजपा नेताओं की मांग पर विपक्ष हमलावर

यूपी की तरह बिहार में भी कांवड़ रूट के भोजनालयों में नाम वाले बोर्ड पर सियासत गरमायी हुई है. भाजपा नेताओं की मांग पर विपक्ष हमलावर है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 20, 2024 1:59 PM

यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कांवड़ रूट की सभी दुकानों में दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने को कहा है. पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों को अपनी पहचान बतानी होगी. किस दुकान पर क्या बिक रहा है उसकी भी जानकारी देनी होगी. मुजफ्फरनगर पुलिस ने जब सबसे पहले यह आदेश लाया तो सियासत भी गरमा गयी. अब बिहार में भी इसे लेकर सियासत गरम है. एनडीए में कोई नेता इसे गलत करार दे रहा है तो कोई इस आदेश को बिहार में भी लागू करने की मांग कर रहा है.

बचौल की मांग- बिहार में भी यूपी की तरह नियम लागू हो

बिहार में भी यूपी की तर्ज पर कांवड़ रूट पर दुकानों के आगे दुकान मालिक के नाम लिखने की मांग भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने की है. उन्होंने कहा कि दुकान के आगे जब नाम होगा तो जो कांवड़ यात्री धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं, वो पहले ही नाम देख लेंगे. उनका मन होगा तो उस दुकान में जाएंगे और नहीं मन होगा तो नहीं जाएंगे. बाद में नाम पूछने से जो झगड़ा होता था वैसा कोई विवाद नहीं होगा. दुकान मालिक का नाम जरूर दुकान के आगे होना चाहिए. चाहे हिंदू दुकानदार हों या मुसलमान हो. बिहार हो या यूपी, ये होना ही चाहिए.

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गिरिराज सिंह के ट्वीट पर मनोज झा का हमला

वहीं भाजपा के फायर ब्रांड नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के भी एक ट्वीट से घमासान मचा है. उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि ‘अगर हिन्दू नाम इतना प्रिय है तो हिन्दू क्यों नहीं बन जाते?’ इसे भी लोग कांवड़ यात्रा मार्ग में बनने वाले दुकानों से जोड़कर ही देख रहे हैं. वहीं विपक्ष ने इसका विरोध किया है. राजद सांसद मनोज झा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गिरिराज सिंह को खुद हिंदू बनने की जरूरत है. वो हिंदू नहीं नौटंकीबाज हैं. वो गांधी वाले और हे राम वाले हिंदू नहीं बन पाए.

गिरिराज सिंह ने यूपी के आदेश पर क्या कहा…

गिरिराज सिंह ने यूपी में कांवरिया पथ पर भोजनालयों के नाम वाले विवाद पर कहा कि राज्य अपनी व्यवस्था और अनुशासन के लिए तात्कालिक नियम लगाती है. अगर यूपी सरकार ने ये घोषणा की है तो सबको उसका पालन करना चाहिए. बिहार में लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा महसूस करेगी तो उसके अनुरूप काम करेगी.

राजद ने कहा- बिहार में लागू करने की हिम्मत है?

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से ये बांटना और नफरत फैलाना चाहते हैं. बिहार में मांग क्या उठेगी, इनकी हिम्मत है क्या? विपक्ष इतनी मजबूत है कि इनकी मनमानी नहीं चलेगी.

एनडीए के ही मंत्रियों ने किया विरोध

वहीं बिहार में भी कांवरिया पथ पर दुकानों के आगे दुकानदारों के नाम लिखे जाने की मांग पर बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि ये एकतरह से सोची समझी रणनीति है. कौन दुकानदार भला अपने दुकान का नाम आगे नहीं लिखते हैं. सावन में इस तरह अलग से प्रदर्शित करने का औचित्य समझ से परे है. उपभोक्ता को भी ये पता होता है कि कौन दुकान उनके लायक है या नहीं है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी यूपी में जारी इस आदेश का विरोध किया है और भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी आदेश पर कहा कि जाति और धर्म के नाम पर भेद किए जाने का वो कभी समर्थन नहीं करेंगे.

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