Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 10 महीने बाकी हैं. अभी से ही यहां की राजनीति गरमा गई है. हाजीपुर में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है. रविवार की देर रात उन्होंने कहा कि लालू यादव उनके अभिभावक रहे हैं और उनसे मिलने में कोई गलत बात नहीं है.
बता दें कि एनडीए से टिकट कटने के बाद से ही पारस की राजनीति चर्चा का विषय बनी हुई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राबड़ी आवास पर लालू यादव से उनकी मुलाकात एक सामान्य भेंट थी. इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. पारस ने कहा कि राजनीति में मतभेद अलग बात है, लेकिन व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध अलग होते हैं.
नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं पारस
लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजे के बीच चल रहे विवाद में एनडीए ने बड़ा फैसला लिया. चिराग पासवान के जनाधार को देखते हुए पशुपति पारस को गठबंधन से बाहर कर दिया गया. इसके साथ ही उनके चार अन्य सांसदों के टिकट भी काट दिए गए. इस फैसले के बाद से पारस अपने भतीजे प्रिंस राज और बेटे यश राज के साथ नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं.
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पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय मान्य होगा…
पशुपति पारस का कहना है कि राजनीति संभावनाओं से चलती है और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय मान्य होगा. यह बयान उन्होंने हाजीपुर में दिवंगत विधान परिषद सदस्य विशुनदेव राय के श्राद्धकर्म में शामिल होने के दौरान दिया. इस मामले में एनडीए के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. पारस के समर्थकों ने इस फैसले का विरोध किया है, जबकि चिराग पासवान के समर्थकों ने इसे अपनी जीत के रूप में देखा है.
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