राजद में उठा पटक जारी है. इस हफ्ते राजद में अंदरूनी सियासी गतिविधियां में जबरदस्त तेजी आना तय है. पार्टी आलाकमान को इस हफ्ते बड़े निर्णय लेने पड़ सकते हैं. आलाकमान पर अंदरूनी और मुख्य सहयोगी दल दोनों की तरफ से दबाव है. दरअसल, दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने पार्टी के दिग्गज नेताओं से कई तरह -कई मुद्दों पर अलग-अलग बात की है. बताया जा रहा है कि इसमें पार्टी नेताओं के बयान को लेकर भी गंभीर बात हुई है.
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फिलहाल राजद के सियासी जानकारों के मुताबिक इसी हफ्ते पार्टी को प्रदेश कार्यकारिणी का गठन और जिला अध्यक्षों की सूची जारी करनी है. प्रदेश कार्यकारिणी का गठन प्रदेश अध्यक्ष को करना है. हालांकि इसके लिए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अनौपचारिक और अहम सहमति जरूरी है. तेजस्वी इस दिशा में वह मंथन भी कर रहे हैं. जिला अध्यक्षों का चयन की औपचारिक जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी गयी है. हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुशंसा पर यह कवायद तेजस्वी यादव को करनी है. फिलहाल पार्टी में अनुशासन बनाने से लेकर पार्टी को नया स्वरूप देने की बड़ी जिम्मेदारियां तेजस्वी यादव को निभानी हैं. सियासी जानकार प्रदेश के वर्तमान सियासी दौर को तेजस्वी यादव के राजनीतिक कौशल के लिए अग्नि-परीक्षा मान रहे हैं.
राजद के सियासी जानकारों के मुताबिक अगले तीन-चार दिन बड़े महत्वपूर्ण हैं. उनका कहना है कि इस दरम्यान पार्टी को कई नीतिगत निर्णय भी लेने हैं. खासतौर पर शिक्षा मंत्री के बयान पर पार्टी का आधिकारिक रुख अभी सामने आना है. यह देखते हुए कि पार्टी ने हालिया राष्ट्रीय कार्यपरिषद में निर्णय लिया था कि महागठबंधन और पार्टी की नीति पर बयान देने का अधिकार सिर्फ लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को है.